Solan News: नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा और पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इन्हे पार्षद पद से अयोग्य ठहराने से जुड़े मामले पर प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जानकारी के अनुसार प्रार्थियों ने उनकी सदस्यता को समाप्त करने के आदेशों पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई थी। गौरतलब है कि शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने व्हिप के उल्लंघन की शिकायत पर रिपोर्ट आने के पश्चात इनकी सदस्यता समाप्त करने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों को हाईकोर्ट में रिट याचिका के माध्यम से दोनों पार्षदों ने चुनौती दी थी। जिस पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
क्या है मामला
बता दें कि नगर निगम सोलन की मेयर ऊषा शर्मा व पूर्व मेयर पूनम ग्राेवर को पार्षद की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है। डीसी सोलन द्वारा सरकार को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने इस बारे आदेश जारी किए थे।दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। आरोप था कि कांग्रेस से बगावत कर ऊषा शर्मा नगर निगम की मेयर बनी थी जिसके पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में पूर्व मेयर पूनम ग्राेवर ने ऊषा शर्मा नाम प्रस्तावित किया था। इसके कारण पूनम ग्रोवर को दल-बदल कानून के तहत अपनी पार्षद की सदस्यता से हाथ धाेना पड़ा।
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