Steel Companies Shares: वाणिज्य मंत्रालय की शाखा डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने कुछ फ्लैट स्टील उत्पादों के आयात पर अगले तीन साल तक सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का सुझाव दिया है। इसका मकसद है भारतीय स्टील कंपनियों को विदेश से अचानक बढ़े स्टील आयात के नुकसान से बचाना। इस खबर के बाद 18 अगस्त को टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, सेल और जिंदल स्टील जैसे कंपनियों के शेयरों में 3% तक की तेजी देखी गई।
DGTR ने पहले साल 12%, दूसरे साल 11.5% और तीसरे साल 11% ड्यूटी की सिफारिश की है। अभी 12% की सेफगार्ड ड्यूटी सितंबर के अंत तक लागू है, और इस नई घोषणा ने सितंबर के बाद की अनिश्चितता को भी खत्म कर दिया है।
शेयर बाजार में जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया, जो 3% से ज्यादा चढ़कर 1080.40 रुपये पर बंद हुआ। टाटा स्टील का शेयर 2% बढ़कर 157.95 रुपये, सेल का 122.50 रुपये और जिंदल स्टील का 993.60 रुपये पर बंद हुआ। जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड के शेयर में भी 2.5% की बढ़त के साथ 748 रुपये पर कारोबार खत्म हुआ। हालांकि, पिछले एक महीने में निफ्टी मेटल इंडेक्स 2% नीचे आया है।
सेफगार्ड ड्यूटी क्यों जरूरी हुई?
यह सिफारिश इंडियन स्टील एसोसिएशन की शिकायत के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि विदेशों से भारी मात्रा में सस्ता स्टील आ रहा है, जिससे कंपनियों को नुकसान हो रहा है। DGTR की जांच में पाया गया कि हाल के दिनों में फ्लैट स्टील उत्पादों का आयात अचानक और तेजी से बढ़ा है, जो घरेलू उद्योग के लिए खतरा बन सकता है।
इसके चलते अप्रैल में 200 दिनों के लिए 12% की अस्थायी ड्यूटी लगाई गई थी। DGTR ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा, “अप्रत्याशित कारणों से स्टील आयात में तेज उछाल आया है, जो भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।”
घरेलू स्टील इंडस्ट्री ने इस कदम का स्वागत किया है। इंडियन स्टील एसोसिएशन के चेयरमैन नवीन जिंदल का कहना है कि सेफगार्ड ड्यूटी और मिनिमम इंपोर्ट प्राइस जैसे कदम भारतीय स्टील उद्योग को मजबूत करेंगे और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे।
डिस्क्लेमर : यह जानकारी सिर्फ सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा हो सकता है। निवेश से पहले हमेशा विशेषज्ञों से सलाह लें। मनीकंट्रोल कभी भी निवेश की सलाह नहीं देता।












