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Punjab: कांग्रेस के दावे ने पंजाब में बढ़ा दी हलचल, बाजवा बोले – AAP छोड़कर आना चाहते हैं 32 विधायक..!

Punjab: कांग्रेस के दावे ने पंजाब में बढ़ा दी हलचल, बाजवा बोले - AAP छोड़कर आना चाहते हैं 32 विधायक..!

Punjab News: दिल्ली में सरकार खो चुकी आम आदमी पार्टी अब पंजाब में भी मुश्किलों पड़ती नज़र आ रही है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के 32 विधायक उनके संपर्क है। नेशनल मीडिया हिंदुस्तान में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक नेता विपक्ष बाजवा ने दावा किया कि ये 32 विधायक कांग्रेस में आना चाहते हैं और इसीलिए उनसे संपर्क में हैं।

कांग्रेस नेता का यह दावा पंजाब विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले किया गया। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि इस सरकार ने कोई काम नहीं किया है और इसके चलते इनके विधायक भी नाराज हैं। विधायक पार्टी ही बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने के वादे पर भी अमल नहीं किया है। यह वादा इन्होंने चुनाव में किया था।

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बाजवा ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार विधानसभा सत्र को लंबा नहीं चलाना चाहती। उन्होंने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) डर के मारे मुख्यमंत्री बदलने पर विचार कर रही है और भगवंत मान की जगह किसी और को कमान सौंप सकती है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब दिल्ली चुनाव में हार के बाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी विधायकों के साथ एक बैठक बुलाई थी।

हालांकि, आप का कहना है कि यह बैठक सामान्य थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पार्टी में फूट की खबरों के बीच यह बैठक आयोजित की गई थी। दिल्ली चुनाव में आप को भारी झटका लगा है, जहां भाजपा ने 48 सीटें जीतकर उसकी 12 साल पुरानी सत्ता को समाप्त कर दिया। आप को केवल 22 सीटें ही मिल पाईं, जबकि कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही।

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दिल्ली में आप की हार ने पंजाब में कांग्रेस को नई उम्मीद दी है। पंजाब में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और उसे लगता है कि दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर पंजाब में भी दिखेगा। इससे कांग्रेस को मजबूत होने का मौका मिल सकता है। पिछले दिनों कांग्रेस और भाजपा ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं और उपचुनाव में उतरकर कमान संभाल सकते हैं। हालांकि, भगवंत मान और आप के अन्य नेताओं ने इन दावों को खारिज कर दिया है।

अब सवाल यह है कि क्या पंजाब में आप की सरकार के भीतर अस्थिरता बढ़ रही है? और क्या दिल्ली की हार का असर पंजाब की राजनीति पर पड़ेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आएंगे।

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