Maharashtra Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) द्वारा शुरू की गई लड़की बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) को इस साल एक साल पूरा हो गया है। राज्य सरकार ने पिछले साल 18 जून, 2024 को राज्य के बजट में लड़की बहिन योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत, राज्य सरकार राज्य की पात्र महिलाओं की सहायता के लिए मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
लड़की बहिन योजना के अनुसार, पात्र महिलाओं के खातों में हर महीने 1,500 रुपये की राशि जमा की जाती है। हालाँकि, अब राज्य की लड़की बहिन बहनों को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। राज्य सरकार ने अब 80 हज़ार से ज़्यादा लड़की बहिन बहनों के आवेदन रद्द कर दिए हैं। इससे लड़की बहिन बहनों को भारी नुकसान हुआ है।
वर्तमान में, सरकार ने राज्य में लड़की बहिन योजना का लाभ उठाने वालों के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं। इसलिए, वर्तमान में आयकर विभाग द्वारा इसकी जाँच की जा रही है। अब, महाराष्ट्र सरकार की मुख्यमंत्री मेरी लड़की बहिन योजना को लेकर एक अहम खबर सामने आई है। महाराष्ट्र के जालना और नागपुर दोनों ज़िलों की लड़की बहिन बहनों को झटका लगा है। आयकर विभाग की जाँच के बाद, हज़ारों आवेदन विभिन्न कारणों से अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। जिसके कारण कई महिलाओं को इस योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।
Ladki Bahin Yojana: नागपुर जिले में 30 हज़ार आवेदन अपात्र
मुख्यमंत्री मेरी प्यारी बहना योजना नागपुर जिले में भी प्रभावित हुई है। नागपुर जिले में कुल 10 लाख 73 हज़ार महिलाओं ने आवेदन किया था, जिनमें से लगभग 30 हज़ार प्यारी बहनों के आवेदन प्राथमिक सत्यापन में खारिज होने की खबर है। इसमें कार मालिक, आय-प्राप्त परिवार वाली महिलाएं और संजय गांधी निराधार योजना की लाभार्थी महिलाओं के आवेदन शामिल हैं। ये सभी आवेदन अपात्र पाए गए हैं।
प्यारी बहनों के दस्तावेजों का सत्यापन भी चल रहा है। इसलिए, नागपुर जिले में अपात्र होने वाले लाभार्थियों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। पिछले साल के विधानसभा चुनावों में ‘किंग मेकर’ रही इस योजना के तहत बड़ी संख्या में आवेदन खारिज होने से, प्यारी बहनों में फिलहाल असंतोष है।
जालना ज़िले में Ladki Bahin Yojana के 57 हज़ार आवेदन अस्वीकृत
जालना ज़िले में ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन’ योजना के लिए कुल 5 लाख 42 हज़ार 392 आवेदन जमा किए गए थे। हालाँकि, आयकर विभाग द्वारा जारी सत्यापन में लगभग 57 हज़ार आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए हैं। इन आवेदनों को विभिन्न कारणों से अपात्र घोषित किया गया है, जैसे 2.5 लाख से अधिक वार्षिक आय होना, परिवार में सरकारी कर्मचारी होना, चार पहिया वाहन होना, निर्धारित आयु सीमा से अधिक होना और संजय गांधी निराधार योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ लेते हुए ‘लड़की बहिन’ योजना के लिए आवेदन करना।
इस सत्यापन के बाद, जालना जिले में पात्र लाभार्थी महिलाओं की संख्या अब 4 लाख 84 हज़ार 694 हो गई है। गौरतलब है कि इस योजना के लिए नए पंजीकरण पिछले साल सितंबर से बंद हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में अपात्र घोषित किए गए लाभार्थियों के खातों में राशि जमा नहीं की जाएगी। वहीं, जालना जिले में 65 महिलाओं ने स्वेच्छा से इस योजना का लाभ छोड़ दिया है।
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