Breaking News: वोट चोरी के आरोप के साथ विपक्ष चुनाव आयोग पर लगातार हमलावर है। चुनाव आयोग कई बार इन आरोपों से किनारा कर चुका है। रविवार को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष के आरोपों का जबाब देना चाहा लेकिन विपक्षी दल गठबंधन इंडिया उसे स्वीकार नहीं कर रहा है, और अब विपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाना तय किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को संसद भवन में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा बैठक में तय हुआ कि वोट चोरी के खिलाफ प्रदर्शन चलता रहेगा।
क्या होता है महाभियोग प्रस्ताव?
महाभियोग एक संविधानिक प्रक्रिया है। भारतीय संविधान में इसे आयरलैंड से लिया गया है। महाभियोग प्रस्ताव संसद में तब लाया जाता है जब कोई संविधानिक पर बैठा व्यक्ति संविधान का उल्लंघन, दुर्व्यवहार या अक्षम हो गए हों।
यह प्रस्ताव राष्ट्रपति, सुप्रीमकोर्ट या हाई कोर्ट के जजों, मुख्य चुनाव आयुक्त आदि के खिलाफ लाया जा सकता है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक हुई। हालांकि किसी भी महाभियोग प्रस्ताव के लिए संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।












