Himachal Earthquake: 18 अगस्त 2025 की रात हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई और इसकी गहराई जमीन के अंदर 10 किलोमीटर रही।
जानकारी के मुताबिक सोमवार रात 9:28 बजे के करीब तीन बार हल्के झटके आए, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जिन लोगों ने इन झटकों को महसूस किया, वे तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आए। अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन स्थानीय प्रशासन सतर्कता बरत रहा है।
बता दें कि कांगड़ा जिला भूकंप के मद्देनजर हिमाचल का सबसे संवेदनशील इलाका है। इस जिले में अकसर भूकंप के झटके लगते हैं। भूकंप के मद्देनजर पूरे देश को 5 जोन में बांटा गया है और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के चलते जोन 5 में आता है, जहां आए भूकंप बड़ी तबाही का कारण बन सकते हैं।
क्यों आता है भूकम्प
वैज्ञानिकों की स्टडी से पता चलता है कि धरती के नीचे जो 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं, वे जब आपस में टकराती हैं, तो निकलने वाली तरंगों का कंपन धरती को हिला देता है, जिसे भूकंप कहते हैं। जहां प्लेट्स टकराती हैं, उसके ऊपर बसे इलाकों में भूकंप तबाही मचा देते हैं।
उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल 1905 को भारत के इतिहास में एक भयानक प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी थी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी और कांगड़ा जिले में आए इस भीषण भूकंप ने सब कुछ तबाह कर दिया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई, जिसने 20,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कांगड़ा, मैक्लोडगंज और धर्मशाला जैसे शहरों की ज्यादातर इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं, और चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दिया।
- Sirmour News: कलयुगी बेटे ने मां को मौत के घाट उतारा, फिर थाने में लापता होने की झूठी शिकायत दर्ज कराई
- PM Vikas Bharat Rozgar Yojana: केंद्र सरकार का 3.5 करोड़ नौकरियों देने का लक्ष्य, PMVBRY पोर्टल से मिलेगा लाभ ..!
- Vice Presidential Elections: जानिए उपराष्ट्रपति चुनाव में क्या कहता है नंबर गेम, एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन से क्या टक्कर लेगा विपक्ष











