Kargil Hero Sanjay Kumar: हिमाचल के बिलासपुर जिले के परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार को भारतीय सेना में ऑनरेरी कमीशन मिला है। अब वे लेफ्टिनेंट के रूप में पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में भावी सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करेंगे।
15 अगस्त 2025 को मिली इस पदोन्नति ने न केवल संजय कुमार के गौरव को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि पूरे हिमाचल में गर्व और खुशी की लहर दौड़ा दी।
1999 के कारगिल युद्ध में दिखाई गई अदम्य वीरता के लिए संजय कुमार को भारत का सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र मिला था। उनकी शौर्य गाथा आज भी पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उल्लेखनीय है कि परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार के नाम अंडेमान निकोबार में एक द्वीप संजय द्वीप नाम भी रखा गया है।
बिलासपुर के वीर रायफलमैन संजय कुमार 1996 में जम्मू-कश्मीर रायफल्स की 13वीं बटालियन में भर्ती हुए। 4 जुलाई 1999, कारगिल युद्ध के दौरान वे मुषको घाटी के प्वाइंट 4875 (फ्लैट टॉप) पर कब्ज़ा करने वाली टुकड़ी के लीड स्काउट थे।
हमले के दौरान दुश्मन ने अचानक ऑटोमैटिक गन से जबरदस्त फायरिंग शुरू कर दी, जिससे आगे बढ़ना लगभग नामुमकिन हो गया। स्थिति की गंभीरता भांपकर संजय कुमार ने अकेले ही मोर्चा संभाला।
उन्होंने दुश्मन की चौकी पर सीधा धावा बोला, आमने-सामने की मुठभेड़ में तीन पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और आखिरकार फ्लैट टॉप क्षेत्र दुश्मन से छीन लिया।












