IMD Mousam Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, मध्य और पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून की सक्रियता के कारण मौसम बिगड़ सकता है। खास तौर पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 से 3 सितंबर के बीच कुछ स्थानों पर 21 सेंटीमीटर से अधिक बारिश की संभावना है।
हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में खतरा
मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 1 से 3 सितंबर तक अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 1 और 2 सितंबर को तेज बारिश का अनुमान है। पूर्वी राजस्थान में 1 से 7 सितंबर तक, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 1, 2 और 5 से 7 सितंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और बाढ़-भूस्खलन जैसी आपदाओं के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
गुजरात में भी अत्यधिक बारिश का अनुमान
पश्चिम भारत में गुजरात, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में 3 से 6 सितंबर के दौरान भारी बारिश की संभावना है। खासकर गुजरात में 4 और 5 सितंबर को कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। सौराष्ट्र और कच्छ में 4 से 7 सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट है। तटीय कर्नाटक और मराठवाड़ा में भी 2 और 3 सितंबर को तेज बारिश की उम्मीद है।
पूर्व और मध्य भारत में भी बारिश का कहर
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ और ओडिशा में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है। खासकर पूर्वी मध्य प्रदेश में 3 सितंबर को और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 4 और 5 सितंबर को बहुत भारी बारिश हो सकती है। पश्चिम बंगाल, सिक्किम और झारखंड में 2 से 5 सितंबर के बीच तेज बारिश की चेतावनी है।
पूर्वोत्तर में मानसून की सक्रियता
पूर्वोत्तर भारत में असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 1 से 6 सितंबर तक भारी बारिश की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश में 6 और 7 सितंबर को तेज बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी वर्षा का अनुमान है।
सतर्क रहने की चेतावनी
आईएमडी ने लोगों से नदियों, नालों और निचले इलाकों से दूर रहने की अपील की है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को सड़क, बिजली और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। भारी बारिश के कारण बाढ़, भूस्खलन और यातायात बाधित होने की आशंका है, जिसके लिए पहले से तैयारी करने की जरूरत है।











