PM Modi Disaster Affected Areas Visit: उत्तर भारत में मानसून की बेरहमी ने कई राज्यों को प्रलयंकारी आपदा का सामना करा दिया है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से मंडी चंबा और कुल्लू जैसे जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जबकि पंजाब में बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है उतराखंड में भी बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा राखी है आपदा को लेकर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम उठाए नहीं है। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपदा और बाढ़ प्रभावित राज्यों के दौरे के बाद कोई बड़ा पैकेज इन राज्यों के लिए घोषित किया जा सकता है।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल दौरा खराब मौसम के कारण टल गया है, लेकिन पंजाब का दौरा 9 सितंबर को फाइनल हो चुका है। इस दौरान पीएम बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगे और संभवतः बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। वहीँ केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीमें हिमाचल पहुंच रही हैं, जबकि पंजाब में एनडीआरएफ और सेना राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
पंजाब में बाढ़ का कहर, 46 मौतें और लाखों प्रभावित; पीएम 9 सितंबर को दौरा करेंगे
पंजाब में 17 अगस्त से शुरू हुई बाढ़ ने 23 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। राज्य में 46 लोगों की जान जा चुकी है और 3.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है, जिसमें हजारों गांव पूरी तरह तबाह हो गए। खेत-खलिहान बर्बाद होने से किसानों की कमर टूट गई है।
लुधियाना में सतलुज नदी का बांध टूटने से पानी खेतों में घुस गया, जबकि अमृतसर, तरनतारन, जालंधर, गुरदासपुर, होशियारपुर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, कपूरथला, बठिंडा, फरीदकोट, मलेरकोटला, मानसा, रूपनगर, संगरूर, एसएएस नगर, पठानकोट, पटियाला, श्री मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर के गांव डूब गए।
प्रधानमंत्री मोदी 9 सितंबर को पंजाब का दौरा करेंगे और गुरदासपुर जाकर जमीनी स्तर पर हालात का मुआयना करेंगे। इस दौरान वे कई गांवों को गोद लेने का फैसला ले सकते हैं। पंजाब सरकार ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये के विशेष फंड की मांग की है। पीएम दौरे के दौरान बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक पैकेज या मुआवजे की घोषणा कर सकते हैं। एनडीआरएफ और सेना ने राहत व बचाव कार्य संभाल लिया है, लेकिन हालात अभी भी गंभीर हैं।
हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही, पीएम दौरा स्थगित
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने चंबा और कुल्लू जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की दो टीमें रविवार को पठानकोट और चंडीगढ़ से पहुंचेंगी। पठानकोट से एक टीम चंबा जाएगी, जबकि चंडीगढ़ से दूसरी टीम कुल्लू का दौरा करेगी।
दोनों टीमें 7 से 10 सितंबर तक नुकसान का आकलन करेंगी और गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगी। प्रदेश सरकार ने अब तक 3,959 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है, लेकिन मानसून का दौर जारी होने से हर जिले में क्षति बढ़ती जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का हिमाचल दौरा खराब मौसम के कारण तय नहीं हो पाया है। अगले सप्ताह मौसम साफ होने पर वे कुल्लू और चंबा के आपदाग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं। इस सप्ताह भी प्रतिकूल मौसम ने प्रधानमंत्री कार्यालय के दौरे को रोका। राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की है, क्योंकि सड़कें, बिजली और जल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर से अब तक 366 लोगों की मौत
उल्लेखनीय है कि हिमाचल में इस मानसून सीजन में 20 जून से 6 सितंबर तक 366 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 426 लोग घायल हुए हैं। 47 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 163 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। प्रदेश में इस अवधि में बादल फटने की 50, बाढ़ की 95 और भूस्खलन की 133 घटनाएं हुई हैं। इनमें 1366 पक्के और 3218 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। 452 दुकानों और 4816 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। 1967 पालतु पशुओं की भी माैत हुई है।
प्रदेश सरकार ने 3959 करोड़ के नुकसान का आकलन किया है। अभी तक मानसून के दौरान वर्षा का क्रम बना हुआ है और प्रदेश के हर जिला में नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2023 में भी हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ था। 2024 में भी हिमाचल प्रदेश के शिमला व कुल्लू जिलों ने आपदा का सामना किया था। इस साल प्रदेश में कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, चंबा, लाहुल-स्पीति जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए हैं।
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