Kullu Tehsildar Viral Video: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक अनोखी घटना ने सुर्खियां बटोरी हैं। यहां देवताओं के अस्थायी शिविर में परंपराओं का उल्लंघन करने पर तहसीलदार को देवता भृगु ऋषि और उनके सेवकों (देवलुओं) के गुस्से का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि तहसीलदार बिना जूते उतारे और नियमों की अनदेखी करते हुए शिविर में घुसे, जिससे देवता नाराज हो गए।
इसके बाद गुस्साए देवलुओं ने उन्हें पकड़कर शिविर तक ले गए और माफी मांगने को कहा। माफी के बाद ही मामला शांत हुआ। इस घटना ने स्थानीय संस्कृति और प्रशासन के बीच संवेदनशील रिश्ते को एक बार फिर उजागर कर दिया। इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक बुधवार को ज्यादातर देवता अपने अस्थायी शिविरों में पहुंच चुके थे। इसी दौरान तहसीलदार हरि सिंह यादव शिविर का दौरा करने गए। देवलुओं के मुताबिक, उन्होंने बिना जूते उतारे देवता भृगु ऋषि के शिविर में प्रवेश किया, जो परंपरा के खिलाफ था। इस पर देवता ने गूर (देवता का संदेश देने वाला माध्यम) के जरिए नाराजगी जताई।
इस बाद देवलू मेला कमेटी ने तहसीलदार को शिविर के पास ले जाकर माफी मांगने को कहा। स्थिति बिगड़ती देखी गई, तो नीणू के देवता नारद मुनि और आशणी के भृगु ऋषि भी मौके पर पहुंचे। तीनों देवताओं के सामने तहसीलदार ने माफी मांगी, जिसके बाद माहौल सामान्य हुआ। इस दौरान हंगामा काफी देर तक चला और पुलिस को भी वहां पहुंचना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जो विवाद की सच्चाई बयान कर रहा है। लोग इस घटना को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। उल्लेखनीय कुल्लू घाटी में देवी-देवताओं के अपने खास नियम हैं। अस्थायी शिविरों में सिर ढककर ही प्रवेश की इजाजत है। जूते-चप्पल, चमड़े की वस्तुएं और नशे की चीजें ले जाना मना है।
प्रशासनिक अधिकारियों को भी इन नियमों का पालन करना पड़ता है, लेकिन इस बार इसकी अनदेखी से विवाद खड़ा हो गया। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि देवताओं की परंपराओं का सम्मान जरूरी है। इस घटना ने एक बार फिर यह सिखाया कि संस्कृति और आस्था को समझना कितना महत्वपूर्ण है। प्रशासन को अब और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।












