Surya Dosh Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रहों का राजा तथा आत्मा का कारक माना जाता है। यह जीवन, ऊर्जा, आत्मविश्वास, नेतृत्व, पिता, सम्मान, सरकारी कार्य, नेत्र, हृदय और हड्डियों का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और भाग्य को गहराई से प्रभावित करती है।
ऐसे में अगर आपके कॅरियर में बार-बार बाधाएं आ रही हैं, प्रमोशन नहीं मिल पा रहा, या नौकरी में मन नहीं लग रहा, तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसकी एक वजह कुंडली में सूर्य का कमजोर होना भी हो सकता है। माना जाता है कि सूर्य ग्रह का सीधा संबंध आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा और कॅरियर की उन्नति से है।
सूर्य के मजबूत होने से करियर में उन्नति होती है और पिता के साथ संबंध मजबूत होते हैं। लेकिन सूर्य, कमजोर हो तो न सिर्फ पिता के साथ रिश्ते में कड़वाहट का कारण बनता है बल्कि कॅरियर के लिए अच्छा नहीं होता है। इसे ही कुंडली में सूर्य दोष माना जाता है। इसका निवारण करने के लिए रविवार का व्रत और विधि-विधान से सूर्य ग्रह की पूजा करनी चाहिए। आइए जानें इसके बारे में
कैसे पहचानें सूर्य दोष के लक्षण?
- कॅरियर में लगातार असफलता या रुकावट महसूस होना।
- नौकरी में मेहनत के बावजूद परिणाम न मिलना।
- आत्मविश्वास की कमी और निर्णय लेने में कठिनाई।
- ऊपरी अधिकारियों का सहयोग न मिलना।
कॅरियर में सफलता के लिए अपनाएं ये आसान उपाय
1. रविवार का व्रत: मान्यता है कि रविवार का व्रत रखने और सूर्य देव की पूजा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। इस व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से की जा सकती है।
2. सूर्य को अर्घ्य दें: सुबह उठकर स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें थोड़ा लाल फूल और रोली मिलाएं। इस जल को सूर्य देव को अर्घ्य के रूप में अर्पित करें।
3.सूर्य मंत्र का जाप: “ऊं सूर्याय नमः” या “ऊं घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करने से सूर्य ग्रह की शुभता बढ़ती है।
4. दान-पुण्य: रविवार के दिन गुड़, गेहूं, या तांबे का दान करना शुभ माना जाता है।
5. पिता का सम्मान: ज्योतिष में सूर्य को पिता का कारक माना गया है। इसलिए पिता या घर के बुजुर्गों का आदर और सेवा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
ध्यान रखें कि ये सभी उपाय आस्था और सकारात्मक ऊर्जा पर केंद्रित हैं। इन्हें अपनाने से मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ सकता है। हालांकि, कॅरियर की समस्याओं के लिए व्यावहारिक स्तर पर कोशिशें जारी रखना और आवश्यकता पड़ने पर कॅरियर काउंसलर से सलाह लेना भी जरूरी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी और लोकमान्यताओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपनी विवेकबुद्धि का इस्तेमाल करें।











