LIC News: भारत सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) में अपनी 6.5% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। अनुमान है कि इस बिक्री से सरकार को 8,800 करोड़ रुपये से लेकर 13,200 करोड़ रुपये तक की प्राप्ति हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत तक पूरी हो सकती है।
सरकार क्यों बेच रही है हिस्सेदारी?
दरअसल, यह कदम मुख्य रूप से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है। SEBI के अनुसार, किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में कम से कम 10% हिस्सेदारी सार्वजनिक (पब्लिक) के पास होनी चाहिए। वर्तमान में LIC में सरकार की 96.5% हिस्सेदारी है, जिसे क्रमिक रूप से कम करना जरूरी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार को अपनी हिस्सेदारी और कम करनी होगी।
कैसे होगी बिक्री?
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) इस पूरी प्रक्रिया को संभालेगा। यह बिक्री क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) या ऑफर फॉर सेल (OFS) जैसे रास्तों से की जा सकती है। शेयर बाजार पर अचानक दबाव न पड़े, इसलिए हिस्सेदारी की बिक्री एक ही बार में नहीं, बल्कि कई चरणों में की जा सकती है।
पॉलिसीधारकों पर कोई असर नहीं
यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचने का LIC की पॉलिसियों, बोनस या दावों (क्लेम) के निपटान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी का संचालन और ग्राहकों को मिलने वाले सभी लाभ पहले की तरह जारी रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले, मई 2022 में LIC के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के दौरान सरकार ने 3.5% हिस्सेदारी बेचकर लगभग 20,557 करोड़ रुपये जुटाए थे। SEBI ने LIC को 10% का सार्वजनिक फ्लोट लक्ष्य हासिल करने के लिए तीन साल का अतिरिक्त समय दिया है, जबकि 25% का लक्ष्य मई 2032 तक पूरा करना है।











