Small Finance Banks Vs Post Office FDs: भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) वो पुराना और भरोसेमंद दोस्त है जिस पर हर निवेशक को भरोसा होता है। लेकिन आजकल निवेशकों के सामने एक नया विकल्प भी है – स्मॉल फाइनेंस बैंक्स की एफडी। दोनों ही आपके पैसे को सुरक्षित रखते हुए रिटर्न देते हैं, मगर इनमें कुछ अहम फर्क हैं जिन्हें समझना जरूरी है।
आज के अनिश्चित आर्थिक हालात में सुरक्षित निवेश की तलाश में लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) की एफडी लें या पोस्ट ऑफिस की? 2025 में RBI के रेट कट के बाद SFB 8-9% तक ब्याज दे रहे हैं, जबकि पोस्ट ऑफिस 6.9-7.5% पर सीमित हैं।
कहाँ मिल रहा है बेहतर रिटर्न?
इस साल स्मॉल फाइनेंस बैंक्स ने ब्याज दरों में बाजी मार ली है। उदाहरण के लिए, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 8.1% तक का रिटर्न दे रहा है, जबकि जाना स्मॉल फाइनेंस बैंक 8% तक की दर प्रदान करता है।
वहीं दूसरी ओर, पोस्ट ऑफिस एफडी की दरें 6.9% से 7.5% के बीच हैं। यानी रिटर्न के मामले में स्मॉल फाइनेंस बैंक आगे दिखते हैं। हालाँकि, पोस्ट ऑफिस की एफडी पर सरकार की पूरी गारंटी होती है, जो सुरक्षा के मामले में इसे बेजोड़ बनाती है।
ब्याज दरों का फर्क: SFB आगे, लेकिन रिस्क के साथ
2025 में SFB जैसे Unity, Suryoday और NorthEast बैंक 8.5-9.1% तक ब्याज दे रहे हैं, जो पोस्ट ऑफिस के 7.5% अधिकतम से कहीं ज्यादा है। सीनियर सिटिजन्स को SFB में अतिरिक्त 0.5% मिलता है। पोस्ट ऑफिस में कोई एक्स्ट्रा नहीं।
उदाहरण: ₹1 लाख की 5 साल की एफडी पर:
- SFB (Unity, 9.1% ब्याज): मैच्योरिटी पर करीब ₹1,57,000 (ब्याज सहित)।
- पोस्ट ऑफिस (7.5% ब्याज): मैच्योरिटी पर करीब ₹1,48,000 (ब्याज सहित)।
SFB में लंबे टेन्योर पर ज्यादा फायदा, लेकिन DICGC इंश्योरेंस सिर्फ ₹5 लाख तक।
टैक्स और निकासी के नियम
दोनों ही एफडी पर मिलने वाला ब्याज आपकी आय में जुड़ता है और उस पर टैक्स लगता है। अगर सालभर का ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से ज्यादा है, तो TDS कटेगा। लेकिन पोस्ट ऑफिस की पाँच साल वाली एफडी में एक खास बात है – इसमें आपको Section 80C के तहत टैक्स बचत का फायदा मिल जाता है, जो एक बड़ा प्लस पॉइंट है।
पैसे निकालने में कितनी आसानी?
पोस्ट ऑफिस एफडी देश के सबसे दूर-दराज के इलाकों में भी उपलब्ध है और इस पर लोगों का गहरा भरोसा है। हालाँकि, यहाँ पैसे जमा करने के छह महीने बाद ही आप फंड निकाल सकते हैं, और समय से पहले निकासी पर आपको ब्याज दर में कुछ कटौती का सामना करना पड़ सकता है। स्मॉल फाइनेंस बैंक्स की एफडी में आमतौर पर जल्दी निकासी की सुविधा होती है, हालाँकि इसमें भी कुछ पेनल्टी लग सकती है।
तो आखिर क्या चुनें?
- स्मॉल फाइनेंस बैंक एफडी तब चुनें जब आपको ज्यादा रिटर्न चाहिए हो, आप टैक्स नियमों को समझते हों, और जल्दी पैसे निकालने की जरूरत पड़ने की संभावना हो।
- पोस्ट ऑफिस एफडी तब चुनें जब आपकी पहली प्राथमिकता पूरी सुरक्षा हो, आप सरकारी गारंटी चाहते हों, और आप टैक्स बचत का फायदा उठाना चाहते हों।
स्मॉल फाइनेंस बैंक आपको बेहतर रिटर्न और डिजिटल सुविधाएँ देते हैं, जबकि पोस्ट ऑफिस एफडी आपको अटूट सुरक्षा और टैक्स बचत का रास्ता दिखाती है। आपका फैसला आपकी वित्तीय जरूरतों, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि पर निर्भर करेगा।











