Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

D2d Service: कैसे बदल देगी D2D टेक्नोलॉजी संपर्क करने की परिभाषा, यहां पर देखिए

D2d Service: कैसे बदल देगी D2D टेक्नोलॉजी संपर्क करने की परिभाषा, यहां पर देखिए

D2d Service: भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी को नई दिशा देने की तैयारी चल रही है। सरकार आज की तारीख में ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, जिसके बाद हमारे मोबाइल फोन बिना इंटरनेट, मोबाइल डाटा, वाई-फाई या नेटवर्क टावर के भी एक दूसरे से आसानी से कनेक्टिविटी कर पाएंगे। यह अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी D2D यानी की Device-To-Device सर्विस कहलाती है। इसकी शुरुआत मोबाइल यूजर्स के अनुभव को पूरे तरीके से बदलकर रख देगी।

कैसे कार्य करेगी D2D टेक्नोलॉजी?
आज की तारीख में कॉल करने या फिर मैसेज भेजने पर आपका सिग्नल सबसे पहले मोबाइल टावर तक जाता है, और फिर वहां से रिसीवर तक पहुंचता है। लेकिन D2D टेक्नोलॉजी इस पूरी प्रक्रिया को हटाकर डायरेक्ट फोन से फोन तक संपर्क बनाने का काम करता है। मोबाइल में मौजूद रेडियो वेव्स और शॉर्ट रेंज कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के माध्यम से दो डिवाइस अपने आसपास मौजूद दूसरी डिवाइस से डायरेक्ट लिंक बना लेते है। ऐसा होने पर भविष्य में जाकर नेटवर्क पर काफी कम प्रेशर देखने को मिलेगा और नो नेटवर्क जोन में भी आसानी से बातचीत हो पाएगी।

इसे भी पढ़ें:  Indian Army Launch Offensive Against Terrorist in JK: राजौरी-पुंछ में दहशतगर्दों की तलाश में सेना ने बनाया नया प्लान

सरकार क्यों लेकर आ रही है यह सुविधा?
देश के कई हिस्से जैसे पहाड़ी इलाके, जंगल, सुरंग और ग्रामीण क्षेत्र आज भी कमजोर नेटवर्क की वजह से परेशान रहते है। प्राकृतिक आपदाओं या फिर टावर फेल होने की स्थिति में लोग अक्सर मदद से वंचित रह जाते है। सरकार केवल यही चाहती है की D2D सर्विस के माध्यम से ऐसा शानदार ऑप्शन लोगों के बीच में रखा जाए, जिसकी मदद से लोग इमरजेंसी में भी आसानी से एक दूसरे से संपर्क कर पाए। यह टेक्नोलॉजी भविष्य में जाकर आपदा प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, और आम जनता के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।

इसे भी पढ़ें:  8th Pay Commission: मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग को दी मंजूरी, जानिए केंद्रीय कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी..!

साधारण मोबाइल यूजर्स को क्या कुछ मिल सकता है फायदा
D2D सर्विस आने के बाद मोबाइल अनुभव में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसकी मदद से नेटवर्क नहीं होने के बाद भी कॉल और मैसेज की सुविधा आसानी से मिल जाएगी, इसके अलावा आपदा के समय तुरंत संपर्क होना संभव हो सकता है, और इसकी मदद से टावर पर भी काफी कम दबाव देखने को मिलेगा जिससे नेटवर्क क्वालिटी भी भविष्य में जाकर काफी अच्छी देखने को मिलेगी। यह फीचर स्मार्टफोन को और भी ज्यादा सुरक्षित और सक्षम बना सकता है।

कब तक इस सर्विस को लॉन्च किया जाएगा?
एक रिपोर्ट के हिसाब से सरकार आज की तारीख में इस टेक्नोलॉजी पर काफी तेजी से कार्य कर रही है, और बहुत जल्दी इसका पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया जा सकता है। पायलट प्रोजेक्ट में टेस्ट सफल होने पर इसको धीरे-धीरे सभी ब्रांड के स्मार्टफोन और टेलिकॉम ऑपरेटर में लागू किया जाएगा। आने वाले समय में यह टेक्नोलॉजी भारत की डिजिटल यात्रा का एक बड़ा कदम बनकर सामने आ सकती है।

इसे भी पढ़ें:  Section 144 imposed in Leh: लेह में धारा 144 लागू, लद्दाख में इंटरनेट बंद

अगर यह टेक्नोलॉजी भारत में आ जाती है तो इमरजेंसी के समय भी देश के किसी भी एरिया में हम अपने जान पहचान वाले को आसानी से संपर्क कर सकते है। यह टेक्नोलॉजी वाकई में आगे जाकर टेलीकॉम सेक्टर का चेहरा पूरे तरीके से बदल सकती है।

रोहित चेलानी वर्तमान में प्रजासत्ता के साथ कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। उन्हें ऑटो फाइनेंस और गैजेट्स पर आर्टिकल लिखना पसंद है। उनका मुख्य उद्देश्य पाठकों तक नवीनतम जानकारी और अपडेट्स पहुँचाना है।

Join WhatsApp

Join Now