Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Best Car Deal: कार खरीदने का है प्लान? जानिए दिसंबर में कहां मिलेगी सबसे तगड़ी डील और क्या है घाटे की बात..!

Best Car Deal कार खरीदने का है प्लान? जानिए दिसंबर में कहां मिलेगी सबसे तगड़ी डील और क्या है घाटे की बात..!

Best Car Deal: पारंपरिक रूप से, दिसंबर का महीना कार खरीदारों के लिए भारी छूट का समय होता है। हालांकि, 2025 में यह परिदृश्य बदल गया है। जीएसटी 2.0 सुधारों ने विशेष रूप से एंट्री-लेवल और कॉम्पैक्ट सेगमेंट में वाहनों की स्वामित्व लागत कम कर दी है, जिससे पूरे यात्री वाहन बाजार में मजबूत विकास हुआ है। इसलिए, इस वर्ष पिछले वर्षों जैसी व्यापक छूट उपलब्ध नहीं हैं।

डीलर अब केवल चुनिंदा मॉडलों पर ही आकर्षक ऑफर दे रहे हैं। यदि आप दिसंबर में कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अधिकतम बचत के लिए सूझ-बूझ से तैयारी करनी होगी। नवंबर 2025 में भारतीय यात्री वाहन बाजार में दर्ज मजबूत वृद्धि ने डिस्काउंट की गतिशीलता बदल दी है। जीएसटी सुधारों के अलावा, इस साल त्योहारी मौसम की मांग भी स्थिर रही, जिससे बाजार को समर्थन मिला। एक महत्वपूर्ण कारक इन्वेंट्री का स्तर है।

पिछले वर्ष की तुलना में, जब त्योहारों के बाद डीलरों के पास लगभग 85 दिनों का स्टॉक था, इस वर्ष यह घटकर करीब 50 दिन रह गया है। हालांकि, डीलरों के पास अभी भी कुछ महत्वपूर्ण स्टॉक बचा है, और नए मॉडल वर्ष के आगमन के कारण, वे पुराने स्टॉक को साफ करने के लिए कुछ मॉडलों पर मूल्य कटौती कर सकते हैं। इन सभी कारणों से छूट का दायरा सीमित हो गया है। उच्च मांग वाले मॉडल बिना किसी बड़े ऑफर के अपनी नई कीमतों पर बिक रहे हैं, जबकि मुख्य छूट केवल पुराने स्टॉक और धीमी बिकने वाली वेरिएंट पर केंद्रित है।

इसे भी पढ़ें:  Volvo XC90 ! फेसलिफ्ट 4 सितंबर को होगी लॉन्च, जानें क्या है ख़ासियत जो इन कारों को देगी टक्कर

इस साल, डील तीन स्तरों में बंटी हुई हैं। पुराने मॉडल और धीमी गति से बिकने वाले वेरिएंट्स पर बड़ी छूट मिल रही है। वहीं, मुख्यधारा की हैचबैक और कॉम्पैक्ट एसयूवी पर मध्यम स्तर की छूट दी जा रही है। दूसरी तरफ, जिन मॉडलों की बुकिंग मजबूत है और डिमांड ज्यादा है, उन पर सबसे कम छूट मिलती है।

कार खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?
सिर्फ छूट देखकर कार खरीदना समझदारी नहीं है। एक अच्छा सौदा पाने के लिए आपको इन 6 प्रमुख बातों पर विचार करना चाहिए…
1. माइलेज: लंबी अवधि में पेट्रोल/डीजल पर बचत के लिए कार का माइलेज जरूर जांचें।
2. कार की विशेषताएं: सुरक्षा सुविधाओं जैसे कि एयरबैग और एंटी लॉक ब्रेकिंग (ABS) को प्राथमिकता दें।
3. आधुनिक तकनीक: इन्फोटेनमेंट सिस्टम, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंट्स सिस्टम (ADAS) जैसी आधुनिक तकनीक पर ध्यान दें।
4. बिक्री के बाद सर्विस: ब्रांड की प्रतिष्ठा और उसके सर्विस नेटवर्क की गुणवत्ता पर विचार करें।
5. रीसेल वैल्यु: भविष्य में कार बेचते समय होने वाले नुकसान को जानने के लिए डेप्रीसिएशन रेट्स पर रिसर्च करें।
6. वारंटी: मरम्मत की लागत कम रखने के लिए वारंटी शर्तों का सही से मूल्यांकन करें।

इसे भी पढ़ें:  MG October Sales: कुल बिक्री में 9% की गिरावट, हेक्टर-एस्टर-ग्लोस्टर बुरी तरह फ्लॉप, विंडसर EV ने अकेले 70% से ज्यादा बिक्री ठोकी

दिसंबर में कार खरीदने पर रीसेल वैल्यु का नुकसान
दिसंबर में कार खरीदने के बारे में खरीदारों के मन में एक आम धारणा यह है कि दिसंबर में बनी या रजिस्टर्ड कार की रीसेल वैल्यू कम हो जाती है, जबकि जनवरी में खरीदी गई समान कार को बेहतर दाम मिलता है। इसे ‘मॉडल-ईयर स्टिग्मा’ कहा जाता है। हालांकि, असल डेप्रिसिएशन डेटा कुछ और कहता है।

  • शुरुआती नुकसान: कारें पहले तीन सालों में सबसे ज्यादा वैल्यु खोती हैं। इसके बाद गिरावट काफी धीमी हो जाती है।
  • मामूली अंतर: यदि कोई खरीदार अपनी गाड़ी को दो से तीन साल से ज्यादा रखने की योजना बना रहा है, तो दिसंबर में लेने पर मिलने वाली छूट रीसेल पर होने वाले मामूली नुकसान को बराबर कर देती है।
  • कितना फर्क: दिसंबर में रजिस्टर्ड कार और अगले जनवरी में रजिस्टर्ड समान कार के भविष्य के रीसेल वैल्यु में अंतर आमतौर पर कम होता है। एसयूवी में लगभग 2-4% का अंतर होता है। अधिकांश मास मार्केट कारें 3-7% की रेंज में आती हैं। वैल्यू सेंसेटिव हैचबैक में यह अंतर 8-10% तक हो सकता है।
इसे भी पढ़ें:  Passenger And Commercial Vehicles: यह राज्य बना पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल का राजा देखिए पूरी खबर

दरअसल, दिसंबर में वाहन निर्माता और डीलर्स को सालाना लक्ष्य पूरा करने का दबाव होता है, इसलिए खरीदार को छूट का अच्छा मौका मिलता है। छोटे हैचबैक पर सबसे बड़ी छूट मिलती है, जबकि एसयूवी पर कम छूट होती है। आप न केवल नकद छूट, बल्कि एक्सेसरीज, वारंटी और फ्री मेंटेनेंस जैसे अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। मोलभाव करते समय आपको कुल लाभ और रीसेल वैल्यु को ध्यान में रखना चाहिए।

इसकेअलावा कार की कीमत कम करने के बाद, सबसे कम ब्याज दर पर लोन लें। लोन का टेन्योर भी ध्यान रखें – कम कार्यकाल में आपको ब्याज में बचत हो सकती है। प्रीपेमेंट की शर्तें भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि आय बढ़ने पर लोन जल्दी बंद किया जा सके। 2025 में कार खरीदते वक्त केवल छूट पर ध्यान न दें। जीएसटी कटौती, इन्वेंट्री लेवल और मॉडल वर्ष की मोबिलिटी को समझकर सही डील और फाइनेंसिंग चुनें।

YouTube video player
मेरा नाम नवनीत है, और मैं बिजनेस, ऑटोमोबाइल और गैजेट्स से जुड़ी ताज़ा खबरों, समीक्षाओं और विश्लेषणों को प्रजासत्ता में अपने लेखन के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाता हूँ। मेरा लक्ष्य तकनीक और ऑटोमोटिव जगत की हर नई जानकारी को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठकों को सही और उपयोगी जानकारी मिल सके।

Join WhatsApp

Join Now