IGMC Controversy: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में आज रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) और कैजुअल सर्विस एसोसिएशन (CSA) ने संयुक्त रूप से मोर्चा खोलते हुए प्रशासन के खिलाफ गेट मीटिंग आयोजित की। इस बैठक में डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में हो रही असुरक्षा और डॉ. राघव की बर्खास्तगी को लेकर कड़ा रोष व्यक्त किया।
डॉक्टरों का आरोप है कि डॉ. राघव को न केवल गलत तरीके से बर्खास्त किया गया है, बल्कि उन्हें नरेश दस्ता नामक व्यक्ति द्वारा जान से मारने और देश छोड़ने तक की धमकी दी गई है। एसोसिएशन ने मांग की है कि इस मामले में पुलिस तुरंत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू करे।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए डॉक्टरों ने कहा कि बीते दिनों परिसर में एक भीड़ ने घुसकर न केवल डॉक्टरों को डराया-धमकाया, बल्कि सरकारी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया। डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार सुरक्षा खामियों और सीसीटीवी कैमरों की कमी की रिपोर्ट देने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके कारण अस्पताल का कार्य वातावरण असुरक्षित हो गया है। इन घटनाओं के विरोध में RDA ने निर्णय लिया है कि कल यानी 26 दिसंबर को सभी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे।
आगामी रणनीति पर चर्चा करते हुए एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि शुक्रवार सुबह 9:45 बजे मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक के नतीजे के आधार पर ही अगला कदम उठाया जाएगा। यदि मुख्यमंत्री के साथ चर्चा में उनकी पांचों मांगों पर सहमति नहीं बनी और उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो 27 दिसंबर की सुबह 9:30 बजे से अस्पताल में पूर्ण हड़ताल शुरू कर दी जाएगी। इस हड़ताल के दौरान ओपीडी और इलेक्टिव ऑपरेशन थिएटर जैसी नियमित सेवाएं पूरी तरह ठप रहेंगी, हालांकि मरीजों की सुविधा के लिए आपातकालीन सेवाएं जारी रखी जाएंगी।












