Basant Panchami 2025: ज्ञान, उल्लास और ऋतु परिवर्तन का पर्व बसंत पंचमी, जानें मुहूर्त, और पूजा विधि

Photo of author

Tek Raj


Basant Panchami 2025: ज्ञान, उल्लास और ऋतु परिवर्तन का पर्व बसंत पंचमी, जानें मुहूर्त, और पूजा विधि

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी, हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की पांचवीं तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जो ऋतुओं के परिवर्तन और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा से जुड़ा होता है। बसंत पंचमी का पर्व बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होता है, जो प्रकृति के नजारे को खुशनुमा और रंगीन बना देता है।

kips600 /></a></div><p>बसंत पंचमी के दिन मां सरस्‍वती की पूजा की जाएगी। इस दिन पीले रंग का खास महत्‍व होता है। मां सरस्‍वती को पीले फलों का भोग लगाया जाता है। पीले वस्‍त्र पहनकर मां सरस्‍वती की पूजा की जाती है और पीली मिठाई से मां सरस्‍वती का भोग लगाया जाता है।</p><p>इस समय में फूलों की रंग-बिरंगी क्यारीयाँ खिल उठती हैं और वातावरण में मिठास घुल जाती है। खासकर सरसों के खेतों में पीले फूलों की भरमार हो जाती है, जो इस ऋतु के विशेष रंग को दर्शाते हैं। यह मौसम ठंड और गर्मी के बीच का संतुलन होता है, जो बहुत ही सुखद और ताजगी से भरपूर होता है।</p><h3><strong>बसंत पंचमी का धार्मिक पहलू</strong></h3><p>धार्मिक दृष्टि से बसंत पंचमी का पर्व भगवान श्री विष्णु से भी जुड़ा हुआ माना जाता है। कुछ स्थानों पर इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा भी होती है। इसके साथ ही, यह पर्व जीवन में नवचेतना और सकारात्मकता का संचार करता है। विशेष रूप से किसानों के लिए यह दिन खुशियों का होता है, क्योंकि यह फसल के अच्छे होने की उम्मीद को भी दर्शाता है।</p><p>उल्लेखनीय है कि बसंत पंचमी का पर्व माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार 2 फरवरी 2025, रविवार को बसंत पंचमी है। सनातन धर्म में वसंत पंचमी का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है ऐसे में वसंत पंचमी के दिन तीसरा अमृत स्नान होगा। इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करेंगे।</p><h3><strong>बसंत पंचमी पर </strong><strong>पीले रंग का महत्व</strong></h3><p>वसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अर्घ्य देने के बाद पीले वस्त्र पहनकर विधिपूर्वक माँ सरस्वती की पूजा करना लाभकारी होता है। इस पूजा में मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र, भोग और पुष्प अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।</p><h3><a href=बसंत पंचमी 2025 शुभ मुहूर्त- (Basant Panchami 2025 Shubh Muhurat) 

पंचांग के अनुसार साल 2025 में बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन सरस्वती पूजा का मुहूर्त प्रातः 07 बजकर 08 मिनट से आरंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

बसंत पंचमी की पूजा का महत्‍व 

बसंत पंचमी पर शिक्षा और संगीत से जुड़े लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं। वे ज्ञान की देवी से बुद्धि और विद्या की कामना करते हैं। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। शिक्षक और छात्र दोनों ही इस दिन सरस्वती पूजा में शामिल होते हैं।

 

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now
x
Popup Ad Example