Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Chandra Grahan 2025: जानें कब लगेगा चंद्रग्रहण और कैसे देख पाएंगे आप?

Chandra Grahan 2025: जानें कब लगेगा चंद्रग्रहण और कैसे देख पाएंगे आप?

Chandra Grahan 2025 : भारत और दुनिया के कई हिस्सों में 7 सितंबर 2025 की रात को एक अनोखा नजारा दिखने वाला है। क्योंकि इस दिन होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण एक ऐसा नजारा दिखाएगा जिसे देखने का मौका बार-बार नहीं मिलता। बता दें कि इस दिन होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान  करीब 82 मिनट तक चंद्रमा लाल रंग में दिखाई देगा।

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह चंद्रग्रहण कुल मिलाकर साढ़े पांच घंटे तक चलेगा। भारत में ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा, मध्यरात्रि 11:41 बजे अपने चरम पर होगा, और रात 1:27 बजे समाप्त होगा। इस दौरान चंद्रमा करीब 82 मिनट तक पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में होगा, जिससे वह गहरे लाल या तांबे जैसे रंग में नजर आएगा। यह खूबसूरत नजारा भारत, के स्था साथ UAE, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में साफ देखा जा सकेगा।

क्यों लाल दिखता है चांद?
चंद्रग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आकर अपनी छाया चंद्रमा पर डालती है। लेकिन चांद काला होने के बजाय लाल क्यों दिखता है? इसका जवाब पृथ्वी के वातावरण में छिपा है। पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य की रोशनी को छानता है, जिसमें नीली किरणें बिखर जाती हैं और लंबी लाल किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। यही वजह है कि चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल रंग का दिखता है, जिसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।

इसे भी पढ़ें:  भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का महापर्व : रक्षाबंधन

यह खगोलीय घटना न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से रोमांचक है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखती है। भारत में इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। आइए, जानते हैं इस चंद्रग्रहण का समय, इसका महत्व और क्या करें-क्या न करें।

काशी विश्वनाथ मंदिर में बदलेगी व्यवस्था
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इस खग्रास चंद्रग्रहण के लिए विशेष व्यवस्था की घोषणा की है। परंपरा के अनुसार, ग्रहण शुरू होने से दो घंटे पहले मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस दौरान कोई पूजा, आरती या दर्शन नहीं होंगे। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर में विशेष शुद्धिकरण और पूजा का आयोजन किया जाएगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों से इस दौरान धार्मिक नियमों का पालन करने की अपील की है।

इसे भी पढ़ें:  Venkateswara Temple Stampede: आंध्र मंदिर हादसे में पहली गिरफ्तारी, हादसे में 10 लोगों की हुई थी मौत

सूतक काल का महत्व
हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है, जो 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से प्रभावी होगा। हालांकि, काशी विश्वनाथ जैसे पवित्र स्थानों पर सूतक का प्रभाव नहीं माना जाता, लेकिन आम लोगों के लिए सूतक काल में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है।

चंद्रग्रहण में क्या करें, क्या न करें
चंद्रग्रहण के दौरान कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है:
– क्या न करें:
– भोजन बनाना या खाना।
– नए कार्य शुरू करना या पूजा-पाठ करना।
– सुनसान स्थानों या श्मशान में जाना।

– क्या करें:
– ग्रहण के बाद घर में गंगाजल से शुद्धिकरण करें।
– मंत्र जाप, ध्यान या भक्ति भजन करें।
– जरूरतमंदों को दान दें।

इसे भी पढ़ें:  Congress Income Tax Notice Case Update: इनकम टैक्स मामले में कांग्रेस को बड़ी राहत

2025 का आखिरी चंद्रग्रहण
यह चंद्रग्रहण भारत में साल 2025 का आखिरी चंद्रग्रहण होगा। नासा के अनुसार, यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो खगोलीय और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। भक्तों और खगोल प्रेमियों के लिए यह एक ऐसा अवसर होगा, जब वे प्रकृति के इस अनोखे नजारे का आनंद ले सकेंगे।

YouTube video player
प्रजासत्ता न्यूज़ डेस्क उन समर्पित पत्रकारों की टीम है जो देश-दुनिया की ताज़ा खबरें सच्चाई, निष्पक्षता और पाठकों के भरोसे को प्राथमिकता देते हुए पेश करती है। हम सच्चाई और निष्पक्षता के साथ हर कहानी को दिल से बयां करते हैं।

Join WhatsApp

Join Now