Seven Mukhi Rudraksha Benefits: ज्योतिष गणनाओं के अनुसार शनि की साढ़ेसाती वर्तमान में कुंभ, मीन और मेष राशि पर प्रभाव डाल रही है। कुंभ राशि पर इसका अंतिम चरण, मीन राशि पर दूसरा चरण, और मेष राशि पर प्रथम चरण चल रहा है।इसके अलावा, 2025 में शनि की ढैय्या सिंह और धनु राशि पर प्रभावी है, जो 2027 तक रहेगी। 29 मार्च 2025 को शनि के मीन राशि में गोचर के बाद, ये दोनों राशियां ढैय्या के प्रभाव में आई हैं।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। मान्यताओं के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष को सौभाग्य का चुंबक माना जाता है। आपको देवी महालक्ष्मी का दिव्य आशीर्वाद मिलता है और आपको प्रचुरता और धन की प्राप्ति होती है। 7 मुखी रुद्राक्ष (7 Mukhi Rudraksha) शुक्र और शनि ग्रह के कष्टों को दूर करता है। सप्तमुखी रुद्राक्ष दुर्भाग्य को दूर करता है और जीवन में सकारात्मकता को आकर्षित करता है।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के द्वार खुलते हैं। यह धन वृद्धि के योग बनाता है और मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है। इस रुद्राक्ष का संबंध शनि ग्रह से होने के कारण, जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव हो, उनके लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है। साथ ही, नाग देवता से इसका संबंध होने के कारण यह कालसर्प योग के नकारात्मक प्रभावों को भी दूर करता है।
सात मुखी रुद्राक्ष शनि देव और मां लक्ष्मी के संयुक्त आशीर्वाद का प्रतीक है। यह धारक को अपार धन, यश और निरंतर सफलता प्रदान करता है। यह जीवन से अशुभता को हटाकर सौभाग्य लाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह रुद्राक्ष धन प्राप्ति के नए मार्ग प्रशस्त करता है और आय के स्रोतों में वृद्धि करता है।
सात मुखी रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और अवसाद को दूर करने में सहायक है, जिससे सकारात्मकता का संचार होता है। व्यापारियों और विद्यार्थियों के लिए यह विशेष रूप से फलदायी है। यह रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन की समस्याओं को हल करता है और रक्षा कवच की तरह कार्य कर अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है।
यह रुद्राक्ष शरीर की सात धातुओं की रक्षा करता है और चयापचय को संतुलित रखता है। यह पिछले जन्मों के पापों को क्षमा करने में मदद करता है। यह मन को अतीत की कड़वी यादों से मुक्त कर वर्तमान में जीने की प्रेरणा देता है। विद्यार्थियों के लिए यह एकाग्रता बढ़ाकर सफलता की राह आसान करता है।
सात मुखी रुद्राक्ष को चांदी में जड़वाकर लाल धागे में शुक्रवार को गले में पहनना चाहिए। इसे चांदी की चेन में भी धारण किया जा सकता है। सात मुखी रुद्राक्ष शनि और शुक्र ग्रह को सशक्त और प्रसन्न करने में मदद करता है। यह आपकी जन्म कुंडली में शनि और शुक्र की कमजोर स्थिति के कारण होने वाले हानिकारक प्रभावों से आपकी रक्षा करता है।
Seven Mukhi Rudraksha: कैसे काम करता है?
- रुद्राक्ष स्वयं भगवान शिव का प्रतीक है। यह रुद्र, जिसका अर्थ है भगवान शिव, और अक्ष का अर्थ है आंखें / आंसू, इसलिए रुद्राक्ष का अर्थ शिव के आंसू हैं।
- रुद्राक्ष में ब्रह्मांड की महत्वपूर्ण ऊर्जा और विशेष उपचार शक्तियां शामिल हैं।
- रुद्राक्ष के प्रभाव और लाभ प्राचीन काल से कई वैदिक शास्त्रों में वर्णित हैं। इसमें जैव-चुंबकीय गुण होते हैं, जो अच्छी ऊर्जाओं को जागृत और आमंत्रित करते हैं।
- ये ऊर्जाएं आपके व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, करिश्मा, चरित्र और आत्मविश्वास के स्तर को बेहतर बनाने में आपकी मदद करती हैं। साथ ही, वे आपके जीवन में शांति और सद्भाव लाते हैं।
- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना भगवान शिव और देवी महालक्ष्मी के आशीर्वाद का आह्वान करने का सबसे आसान तरीका है।
- यह शनि और शुक्र ग्रह से जुड़ा है, इसलिए आप पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और नकरात्मक प्रभाव को दूर करता है
सात मुखी रुद्राक्ष को वैदिक अनुष्ठानों के जरिए सक्रिय और सिद्ध किया जाता है इससे आपको ज्यादा लाभ मिलता है। इसमें शक्तिशाली ऊर्जाएं हैं, जो आपको शांतिपूर्ण और सफल जीवन जीने में मदद करती हैं
नोट: यह राशिफल सामान्य ज्योतिषीय भविष्यवाणी पर आधारित है। व्यक्तिगत परिस्थितियों के लिए ज्योतिषी से सलाह लें।
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