Adani Group companies: अडानी ग्रुप की दो कंपनियों ने विदेशी बैंकों से करीब 2300 करोड़ रुपये (275 मिलियन डॉलर) का कर्ज हासिल किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कदम ग्रुप के कारोबार को और मजबूत करने और विस्तार की योजनाओं को गति देने के लिए उठाया गया है।
एयरपोर्ट डिवीजन ने लिया 1250 करोड़ का कर्ज
Financial Express की खबर के मुतबिक अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने 1250 करोड़ रुपये (150 मिलियन डॉलर) का विदेशी मुद्रा कर्ज लिया है। इस कर्ज में बार्कलेज, डीबीएस बैंक, फर्स्ट अबू धाबी बैंक और मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप जैसे बड़े बैंकों ने हिस्सा लिया। यह कर्ज चार साल की अवधि के लिए है और इसे SOFR (सिक्योर्ड ओवरनाइट फाइनेंसिंग रेट) से 300 बेसिस पॉइंट ज्यादा ब्याज दर पर लिया गया है। इस पैसे का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च और पुराने डॉलर बॉन्ड्स को चुकाने में होगा।
पोर्ट्स बिजनेस को मिले 1040 करोड़
वहीं, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन ने मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप से द्विपक्षीय समझौते के तहत 1040 करोड़ रुपये (125 मिलियन डॉलर) का कर्ज लिया। इस कर्ज की ब्याज दर SOFR से 215 बेसिस पॉइंट ज्यादा है और यह भी चार साल की अवधि का है।
वैश्विक बैंकों का बढ़ा भरोसा
अडानी ग्रुप पर वैश्विक बैंकों का भरोसा बढ़ता दिख रहा है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, पिछले छह महीनों में ग्रुप ने 83,000 करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) से ज्यादा की नई कर्ज सुविधाएं हासिल की हैं, जो इसके कुल कर्ज का लगभग एक-तिहाई है।
हाल ही में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडानी की तीन कंपनियों के लिए आउटलुक को बेहतर किया, जिसका कारण ग्रुप की फाइनेंसिंग तक बढ़ती पहुंच है। हालांकि, एमयूएफजे, बार्कलेज, डीबीएस और फर्स्ट अबू धाबी बैंक ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया, और अडानी ग्रुप ने भी तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।
मुंबई एयरपोर्ट ने जून में जुटाए 6250 करोड़
इससे पहले जून में, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स द्वारा संचालित मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट की अगुवाई में वैश्विक निवेशकों से 6250 करोड़ रुपये (750 मिलियन डॉलर) जुटाए थे। यह राशि पुराने कर्ज को चुकाने और कारोबार विस्तार के लिए थी, जिसमें 2080 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग की गुंजाइश भी शामिल थी।












