Agricultural News: कृषि विज्ञान केंद्र चंबा द्वारा ज़िले के किसानों की सुविधा के दृष्टिगत मक्की की फसल में फॉल आर्मी वर्म की रोकथाम एवं प्रबंधन को लेकर एडवाइजरी जारी की है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कीट के लार्वा मक्की की फसल को भारी क्षति पहुंचा सकते हैं और इसके प्रारंभिक लक्षण पौधों की पत्तियों पर अनियमित छेद तथा बड़ी मात्रा में अपशिष्ट निकलता है। इससे मक्की की पत्तियों पर गोल और आयताकार छेद बन जाते हैं।
उन्होंने बताया कि इनके अंडों का रंगभ धूसरा- भूरा तथा ये बालों से ढके होते हैं । किसान इनकी पहचान आसानी से कर सकते हैं। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की सुविधा के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र चम्बा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार, उप निदेशक कृषि चम्बा डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. जया चौधरी वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र तथा कृषि विभाग के विषय वास्तु विशेषज्ञ शामिल है। टास्क फोर्स प्रभावी प्रबंधन के लिए ज़िले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को आवश्यक जानकारी प्रदान कर रही है।
Agricultural News: इन कीटनाशकों का करें छिड़काव–
- क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी (कोराजेन) 0.4 मिलीलीटर प्रति लीटर या स्पिनटोरम 11.7 एससी (डेलीगेट) 0.5 मिलीलीटर प्रति लीटर या एमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी (मिसाइल) 0.4 ग्राम प्रति लीटर
- स्प्रे की मात्रा : 20 दिन तक पुरानी फसल के लिए 120 लीटर पानी प्रति एकड़ तथा उससे ज्यादा दिन की फसल के लिए 200 लीटर पानी प्रति एकड़।
फसल का ऐसे प्रबंधन–
फसल की बुवाई केवल निर्धारित समय में ही करें, बीज को छिड़काव के बजाय कतारों में ही बुवाई विधि अपनाएं। मक्की की पत्तियों से फाल आर्मी वर्म के अंडों को इकट्ठा करके नष्ट करने के लिए नियमित रूप से खेत की निगरानी करें। अंडों का समूह बालों से ढका रहता है और आसानी से दिखाई देता है।
Agricultural News: मृदा कीटनाशक मिश्रण–
जब फसल 40 दिन से अधिक पुरानी हो जाती है और छिड़काव करना कठिन हो जाता है ऐसी अवस्था में संक्रमित पौधों में मृदा-कीटनाशक या जैवकीटनाशक लगभग 0.5 ग्राम तक मिश्रण का उपयोग किया जा सकता है।
ऊपर बताए गए किसी भी कीटनाशक की 5 मिलीलीटर मात्रा को 10 मिलीलीटर पानी में मिलाकर एक किलोग्राम मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएँ तथा पौधों की जड़ों पर डाल दे। 25 ग्राम या 25 मिलीलीटर बैसिलस थुरिंजिएंसिस (बी.टी.) उपप्रजाति कुर्तकी (डेल्फिन डब्ल्यूजी या मिलीलीटर डिपेल 8 एल) को 10 मिलीलीटर पानी में मिलाकर एक किलोग्राम मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएँ तथा पौधों की जड़ों पर डालें।
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