प्रजासत्ता|
पूर्व सीएम एवं नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी का समर्थन करने की बात कही। मंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि चंडीगढ़ पर प्रदेश की 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बनती है। ठाकुर ने कहा कि वह इस मुद्दे का समर्थन करते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार का नहीं। उन्होंने कहा कि सीएम रहते कई बार यह मामला उठाया था। इस विषय का समाधान उचित मंच पर वार्ता करके ही निकाला जा सकता है। जहां तक प्रदेश हित के मुद्दों की बात होगी, उसमें पहले भी हमने अपना समर्थन दिया है और आगे भी देते रहेंगे।
वहीँ कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में प्रदेश की कानून व्यवस्था बूरी तरह से चरमरा गई है। 7 महीनों में 45 हत्याएं और 150 के करीब बलात्कार की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें चंबा जैसा निर्मम हत्याकांड भी शामिल है। आज खनन माफिया के हौंसले इतने बुलंद है कि दिन दिहाड़े गोलियां चलाई जा रही हैं। इस मामले पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। सरकार क्यों ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है। पूर्व में नेता विपक्ष रहते हुए मुकेश अग्निहोत्री आए दिन खनन को लेकर बयान देते थे, आज प्रदेश के क्या हालात हैं और वे चुप क्यों हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि जनता की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आम आदमी की कहीं सुनवाई नहीं है। सरकार ने पांच लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन एक भी नई भर्ती नहीं निकल पाई है। दस हजार आउट सोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है।
सात महीने में आठ हजार करोड़ का कर्ज, एक हजार से ज़्यादा संस्थानों पर तालाबंदी और दस हजार लोगों को नौकरी से निकाला है। प्रदेश में जघन्यतम अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। प्रदेश पुलिस बिना किसी स्थाई मुखिया के काम कर रही है। कर्मचारी चयन आयोग के परीक्षा परिणाम नहीं निकाल रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि 7 महीनों में 7 लोगों को सरकार रोजगार नहीं दे पाई और 10 हजार लोगों को बेरोजगार कर दिया है। आउटसोर्स पर लगे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। यदि सरकार आउटसोर्स पर नौकरियां नहीं देना चाहती तो स्थायी नौकरियां भी नहीं दे पा रही है।










