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हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र शुरू, सवर्ण आयोग को लेकर बवाल, भारी पुलिस बल तैनात

हिमाचल विधानसभा शीतकालीन सत्र शुरू, सवर्ण आयोग को लेकर बवाल, भारी पुलिस बल तैनात

धर्मशाला|
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुक्रवार को धर्मशाला के तपोवन में सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर सवर्ण लोगों के हंगामें के साथ सुबह 11:00 बजे शुरू हो गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। लोगों की भी काफी भीड़ है। डीआईजी संजय कुंडू, कांगड़ा के एसपी खुशाल ठाकुर भी मौके पर मौजूद हैं।

सवर्ण आयोग की मांग कर रहे लोगों को विधानसभा के पास जोरावर स्टेडियम के पास इन लोगों को पुलिस ने रोका है बता दें कि हरिद्वार से गंगाजल की गाड़ी को लेकर पुलिस और सवर्ण आयोग के नेता और समर्थक आमने सामने हैं। जय भवानी के नारे लगाते हुए ये लोग विधानसभा का घेराव और गंगाजल से शुद्धीकरण करना चाहते है।

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देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर और देवभूमि स्वर्ण मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल ठाकुर ने कहा कि आजतक सभी राजनीतिक दलों ने स्वर्ण समाज के साथ छलकपट और भेदभाव की राजनीति ही की है। जातिगत आरक्षण को जल्द खत्म किया जाना चाहिए।

सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करे। उन्होंने कहा कि 2018 से उन्होंने सवर्ण हितों की लड़ाई शुरू की है। यह हक मिलने तक जारी रहेगी। नेताओं को तभी वोट मिलेगा, जब वे सवर्ण समाज के हितों का सम्मान करेंगे। हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा ने सरकार के खिलाफ नवंबर में 800 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।

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दरअसल, इन संगठनों की ओर से स्वर्ण आयोग के गठन के लिये अपना आंदोलन शुरू कर रखा है, 15 नवंबर से पहले शव यात्रा शुरू कर हरिद्वार तक पैदल यात्रा की उसके बाद अब तक 1 हज़ार किलोमीटर की यात्रा तय करके गंगा जल लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे हैं और शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन आयोग के गठन के लिये लामबद्ध हो चुके हैं। इन संगठनों के पदाधिकारियों ने एलान किया कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के नेताओं की शुद्धिकरण करवाने की ज़रूरत है, इसलिए क्योंकि इन दोनों ही दलों में कुछ नेता हैं जो सवर्ण आयोग के गठन को लेकर एतराज़ जता रहे हैं।

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