Aaj Ki Taaja Khabar: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला की पर्यटक नगरी कसौली के निजी होटल में महिला से दुष्कर्म मामले में में अब नया मोड़ ले लिया है। दरअसल हरियाणा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ दुष्कर्म मामले में बुधवार को पीड़िता अपने वकील के साथ कसौली न्यायालय में पेश हुई। अब इस मामले से जुडी याचिका की सुनवाई अब 6 सितंबर को होगी।
दरअसल पीड़िता ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ ऑब्जेक्शन फाइल करने के लिए समय मांगा। शाम तक वह ऑब्जेक्शन तैयार नहीं कर पाए, जिसके बाद पीड़िता के वकील ने इसके लिए कुछ समय मांगा। इस पर न्यायालय ने 6 सितंबर की तिथि दी है। अब न्यायालय पीड़िता के ऑब्जेक्शन सुनेगा।
उसके बाद इसमें निर्णय लिया जाएगा कि पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को मानना है या दोबारा से इसमें जांच करवाई जाएगी। बता दें कि इस मामले में पहले भी कई मोड़ आ चुके हैं। पीडिता की सहेली ही उसके खिलाफ बयान दे चुकी है। जबकि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल ने इन अरोप्न को बेबुनियाद बताया था।
आज हिमाचल के इन जिलों में अलर्ट जारी
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दौरान जारी भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने राज्य के कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों के लिए 31 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी दिनों में बारिश का सिलसिला तेज बना रहेगा और 5 अगस्त तक हालात चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं। इस मॉनसून सीजन में अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं। खास तौर पर बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने 30 जानें ले ली हैं।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश को अब तक करीब 1599 करोड़ रुपये की निजी और सरकारी संपत्तियों का नुकसान हुआ है। बीते तीन दिनों की बारिश से 289 सड़कें बंद हैं और 346 बिजली के ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं, जिससे कई क्षेत्रों में अंधेरा और संपर्कविहीन स्थिति बनी हुई है। इस बार मानसून में औसत से 10% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है।
कुल्लू जिला में तेज बारिश के चलते बढ़ा ब्यास नदीं का जल स्तर
कुल्लू जिला में तेज बारिश के चलते ब्यास नदीं का जल स्तर बढ़ गया है। नेहरू कुंड क्षेत्र में ब्यास नदी का पानी पुल की नींव की ओर मुड़ गया, जिससे लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। पानी का बहाव तेज होने से पुल को खतरा हो गया। वहीं स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने तुरंत जेसीबी मशीनों को लगाया और नदी के बहाव को दूसरी ओर मोड़ने का प्रयास किया गया। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से कुछ घरों को खतरा उत्पन्न हो गया है।
प्रशासन ने एहतियातन सभी लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों के पास न जाने की अपील की है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का गंभीरता से पालन करें, अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। सभी जिलों में राहत व बचाव दल तैनात किए गए हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है।
सोलन से लापता हुए बच्चों को परिजनों को सौंपा
सोलन से लापता हुए दो बच्चों को पंचकूला पुलिस ने पूरी रात कड़ी मशक्कत करने के बाद सुरक्षित बरामद कर परिजनों को सौंपा दिया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस को सूचना मिली थी कि मंगलवार देर रात करीब दो बजे चंडीमंदिर क्षेत्र में तैनात ईआरवी को सूचना मिली कि दो नाबालिग बच्चे चंडीमंदिर टोल प्लाजा के पास लावारिस हालत में घूम रहे हैं। पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला कि दोनों बच्चे आपस में दोस्त हैं और हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं।
पूछताछ मी दोनों ने बताया कि वह बिना किसी विशेष कारण के दो दिन पहले अपने घर से घूमने के इरादे से निकल पड़े थे और इस दौरान अपने परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी। इससे पहले बच्चों के घर न लौटने पर उनके परिजनों ने आसपास तलाश की और नजदीकी पुलिस थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने इन बच्चों को 30 जुलाई की सुबह करीब साढ़े तीन बजे उनके परिजनों को सकुशल सौंप दिया।
हिमाचल में महिलाओं के लिए बड़ी राहत: नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति, मिलेंगी मातृत्व लाभ सुविधाएं
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कामकाजी महिलाओं के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब निजी संस्थानों में महिलाएं अपनी मर्जी से 12 घंटे तक काम कर सकेंगी। इसके साथ ही, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति भी प्रदान कर दी गई है। इस नए नियम के तहत, नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उल्लेखनीय है कि यह निर्णय महिलाओं को कार्यस्थल पर अधिक अवसर प्रदान करने और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का यह फैसला न केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर लचीलापन लाएगा, बल्कि उनकी सुरक्षा और अधिकारों को भी सुनिश्चित करेगा। इस कदम से निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए नई संभावनाएं मिलेंगी।
हिमाचल के बांधों से छोड़ा गया पानी ,पंजाब में नदियों का बढ़ा जलस्तर
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य के प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ने के चलते पंजाब में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए कई क्षेत्रों में ‘हाई अलर्ट’ जारी किया गया है। बिलासपुर में सुबह सात बजे सतलुज नदी पर स्थित कोल बांध से पानी छोड़ा गया।
अधिकारियों ने पंजाब के निवासियों, विशेषकर नदी किनारे रहने वालों से सतर्क रहने की अपील की है, क्योंकि जलस्तर चार से पांच मीटर तक बढ़ने की संभावना है। इसके एक घंटे बाद ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से भी पानी छोड़ा गया, जो मंडी, धर्मपुर, संधोल, सुजानपुर, नादौन और देहरा से होते हुए पोंग बांध में पहुंचेगा और पंजाब में प्रवेश करेगा। इस बीच, मानसूनी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में स्थिति गंभीर बनी हुई है। मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां भारी बारिश जारी है।
आसमानी बिजली गिरने से 120 से ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत
कांगड़ा जिला में आसमानी बिजली गिरने से 120 से ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक शाहपुर उपमंडल की बोह घाटी की कनिकोट जोत धार में दो दिन पहले रात के समय आसमानी बिजली गिरी, जिसकी जानकारी अब प्रशासन को मिली है। बताया जा रहा है कि द्रोणेश्वर महादेव मंदिर के बीते दिन देर रात हुई भारी बारिश और तूफान के बीच आसमान से बिजली गिरी। जिसमे 120 से ज्यादा भेड़-बकरियों की मौत हो गई। मृत पशुओं में अधिकांश दूध देने वाली भेड़ें और कुछ छोटे मेमने भी शामिल हैं।
हादसे के समय भेड़पालक अपने डेरे में सो रहे थे और भेड़-बकरियां खुले मैदान में थीं। इस हादसे में ग्राम पंचायत हार बोह के उत्तम चंद (गांव सपेडा), बुद्धि सिंह (गांव सपेडा, कांगड़ा) और नाथूराम (गांव भियोरा, जिला चंबा) की भेड़-बकरियां मारी गईं। नाथूराम ने बताया कि रात में बिजली गिरने के बाद सुबह उसने पास के डेरे में जाकर साथियों को जानकारी दी।
घटना की सूचना मिलते ही वेटरनरी फार्मासिस्ट हरबंस सिंह और सुरेंद्र कुमार, एनिमल हसबेंडरी अटेंडेंट केवल राम और करण सिंह की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने मृत पशुओं की गिनती कर रिपोर्ट तैयार की। स्थानीय युवाओं ने भी मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में सहयोग किया।
हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर ने इसकी पुष्टि करते हुए घटना पर दु:ख जताया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद पीड़ादायक स्थिति है, भेड़पालकों की रोजी-रोटी इन्हीं पशुओं पर निर्भर है। इतनी बड़ी संख्या में पशुओं का एक साथ मारा जाना बहुत बड़ा नकसान है। प्रशासन की ओर से उनकी पूरी आर्थिक सहायता की जाएगी।
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