Himachal News: बद्दी पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज (SP Ilma Afroz) का रातोंरात घर खाली करना और लंबी छुट्टी पर जाना एक बार फिर चर्चा का विषय बना गया है। दरअसल, दून के विधायक और सीपीएस राम कुमार चौधरी और एसपी बद्दी इल्मा अफरोज के बीच टकराव की खबरें पहले भी मीडिया की सुर्खियाँ बन चुकी है। बता दें कि इल्मा ने बीते 27 जनवरी, 2024 को पुलिस जिला बद्दी में पुलिस अधीक्षक का कार्यभार संभाला है।
बताया जा रहा है कि बुधवार को वह किसी मामले के सिलसिले में शिमला पहुंचीं थी। इस दौरान उनकी मुलाकात सरकार के नेताओं व पुलिस विभाग के आलाधिकारियों के साथ हुई। इस मुलाकात के बाद पुलिस अधीक्षक रात को बद्दी पहुंचीं और देर रात को ही अपने आवास से सारा सामान समेट लिया। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही उनका तबादला कर देगी। हालांकि, अभी उनके तबादला आदेश नहीं आए हैं।
सूत्रों की माने तो महिला एसपी इल्मा अफरोज सत्ता के आगे नहीं झुकी, सत्ता और उनके ही विभाग ने तमाम कोशिशें की हो, लेकिन उन्होंने अपने असूलों के साथ समझौता करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद अब वह लंबी छुट्टी पर चली गई हैं। सूत्रों के अनुसार सीपीएस से टकराव के बाद एसपी इल्मा के तबादले की पहले भी तैयारी थी, लेकिन नालागढ़ में यौन शोषण प्रकरण में जांच के लिए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट सौंपे जाने तक उन्हें बदलने पर रोक लगा रखी थी।
विधायक की पत्नी की गाड़ियों का चालान काटने से शुरू हुआ था विवाद
उल्लेखनिय है कि बद्दी में अवैध खनन के मामले में पुलिस ने विधायक और सीपीएस राम कुमार चौधरी (CPS Ram Kumar Chaudhary) की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे थे। इस पर एसपी और विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी के साथ टकराव चल रहा था। वहीं 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक के नहीं पहुंचने पर विधायक और नाराज हो गए थे।
उसके बाद जब उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय बद्दी में दौरा था तो उस दौरान विधायक वहां नहीं गए। बात यहां तक पहुँच गई थी कि सीपीएस रामकुमार चौधरी ने विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए और एसपी को विधानसभा से प्रिवलेज मोशन दिलवाया था।
Himachal News: एसपी बद्दी और सीपीएस में बढ़ती तकरार? आपस में कार्यक्रमों का कर रहे बहिष्कार..
वहीं बद्दी में स्क्रेप व्यापारी से जुड़े गोलीकांड (Scrap Dealer Shooting Controversy) में एसपी बद्दी पर दबाव बनाने की खबरे मीडिया में सामने आई है। एक बड़े नेशनल मीडिया चैनल की वेबसाइट की खबर के मुताबिक स्क्रेप व्यापारी रामकिशन कांग्रेस के एक बड़े नेता का नजदीकी है और नेता जी इल्मा अफरोज पर लगातार इस मामले पर पर्दा डालने के लिए दवाब बनाने लगे और इसे ही मुद्दा बनाकर सत्ता पक्ष शिमला जा पहुंचा। सरकार के आदेश पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इल्मा अफरोज को बुलाकर मामले पर बात की तो इल्मा ने पुलिस की जांच को रोकने से साफ मना कर दिया।
दरअसल स्क्रेप व्यापारी रामकिशन की गाड़ी पर गोलियां चलाने का मामला सामने आया था। लेकिन पुलिस जांच में पता चला था कि पीड़ित बताने वाला रामकिशन ही पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड था और खुद पर ही फायरिंग करवाई थी। पुलिस जाँच में फायरिंग के आरोपी ने सारे राज उगल दिए थे। स्क्रेप व्यापारी रामकिशन ऑल इंडिया गन लाइसेंस के लिए यह साजिश रची थी।
बता दें कि एसपी बद्दी इल्मा अफरोज (IPS Ilma Afroz) के नेतृत्व में बद्दी पुलिस (Baddi Police) नशा तस्करों, खनन माफिया पर लगाम कस रही थी। औद्योगिक क्षेत्र में अपराध कम हो इसके लिए इल्मा अफरोज अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच महिलाओं से मिलती हैं और उनकी समस्याएं सुनती थी। इल्मा को बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) में सराहनीय कार्यों के लिए कई संस्थाओं ने पुरस्कृत भी किया। बाबजूद इसके उनका निजी कारणों का हवाला देकर लंबी छुट्टी पर अपने घर मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) चले जाना लोगों को रास नहीं आ रहा है। विपक्षी दल के लोग और कुछ समाजिक कार्यकर्त्ता इस तह उनके चले जाने पर सत्ता दल पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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