Himachal News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स तस्करी के दो बड़े मामलों में बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने एक ऐसे दंपति समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने ड्रग्स की सप्लाई का जाल बुन रखा था। इनके कब्जे से 1.2 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की 3 किलो से अधिक चरस बरामद हुई है। हैरानी की बात यह है कि यह पति पत्नी दोनों ही मंडी, हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं।
जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार दंपति, चुन्नी लाल और तेला देवी, ने ड्रग्स को छिपाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया था। उन्होंने अपनी सैंट्रो कार की ड्राइवर सीट के पास ही एक खास तरह की ‘सीक्रेट चेंबर’ बनवा रखी थी। यह इतनी मास्टरली से बनाई गई थी कि आम तलाशी में पुलिस भी इसका पता नहीं लगा पाई।
दरअसल पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि यह दंपति कार से ही ड्रग्स की आपूर्ति करने वाला है। टीम ने करीब 5 किमी तक कार का पीछा किया और उसे रोककर जमकर तलाशी ली, लेकिन ड्रग्स का नामोनिशान नहीं मिला। मामला लगभग ठंडे बस्ते में जाने वाला था।
जब इंसानी कोशिशें नाकाम हो गईं, तब पुलिस ने अपने ‘गुप्त हथियार’ का इस्तेमाल किया। डॉग स्क्वाड के नार्को डिटेक्शन डॉग ‘अमरो’ को मौके पर लाया गया। अमरो ने सूंघते ही कार की उसी ‘सीक्रेट चेंबर’ का पता लगा दिया, जहाँ से 2.060 किलो चरस बरामद हुई। इसकी कीमत करीब 80 लाख रुपये आंकी गई।
पूछताछ में पता चला कि चुन्नी लाल को यह गलतफहमी थी कि अगर कार में उसकी पत्नी सवार होगी, तो पुलिस ज्यादा सख्ती से तलाशी नहीं लेगी। लेकिन पुलिस और के-9 डॉग अमरो ने उसकी इस चाल को ध्वस्त कर दिया।
इस दंपति से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने हिमाचल के कुल्लू से प्रकाश चंद को गिरफ्तार किया, जिससे चुन्नी लाल ने चरस खरीदी थी। बाद की जाँच में प्रकाश चंद खुलासा किया कि उसने जब्त चरस कुछ नेपालियों से खरीदी थी जो कुल्लू के ऊपरी वन क्षेत्र में चरस की खेती करते हैं। हालांकि अभी उनकी गिरफ्तारी नही हुई है।
वहीँ दूसरे मामले में, मुंबई के योगेश कोलंबेकर को दिल्ली के मुकरबा चौक से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 1.092 किलो चरस बरामद हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि त्योहारी सीजन में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में ड्रग्स की मांग बढ़ जाने के कारण वे सप्लाई कर रहे थे।
पुलिस की जाँच में पता चला कि चुन्नी लाल पहले भी ड्रग्स के एक मामले में दोषी पाया जा चुका है और 10 साल जेल काट चुका है। वहीं, योगेश कोलंबेकर मुंबई में एक टाइल्स के शोरूम में काम करता था और एक भजन मंडली से जुड़ा था, जहाँ वह अपने कुछ दोस्तों को भी ड्रग्स सप्लाई करता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीसीपी क्राइम ब्रांच संजीव कुमार यादव ने इसकी पुष्टि की है।











