Himachal Flash Flood Controversy: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में 25 जून को आए भीषण फ्लैश फ्लड ने न केवल जान-माल का नुकसान किया, बल्कि एक नए राजनीतिक विवाद को भी जन्म दे दिया। बंजार और सैंज घाटी में बाढ़ के दौरान जंगलों से बहकर आई भारी मात्रा में लकड़ी, खासकर मंडी के पंडोह डैम में जमा होने, ने अवैध पेड़ कटाई के आरोपों को हवा दी है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर द्वारा अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए जाने के बाद अब हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने तीखा पलटवार किया है। कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर के बयान पर वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने पलटवार करते हुए तथ्यों की जांच की नसीहत दे डाली।
Himachal Flash Flood Controversy: राठौर का अपनी ही सरकार पर हमला
शिमला के ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए पंडोह डैम में जमा लकड़ियों को अवैध कटाई का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “पंडोह डैम में लकड़ियों का ढेर जमा हो गया है, जो स्पष्ट रूप से अवैध कटाई का नतीजा है। पिछले साल भी ऐसी स्थिति देखी गई थी, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
मुख्यमंत्री को तुरंत इस मामले की जांच करवानी चाहिए और वन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” राठौर ने वन विभाग पर भी लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री के अधीन होने के बावजूद विभाग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहा। उन्होंने 2023 में थुनाग में इसी तरह की स्थिति का हवाला देते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
मानसून और आपदा की चिंता
राठौर ने इस मुद्दे के साथ-साथ प्रदेश में बार-बार होने वाली मौसमी आपदाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हर साल बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। अभी तक आधा दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह गंभीर मुद्दा है, और सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”
Himachal Flash Flood Controversy: खाची का पलटवार: “बिना तथ्यों के बयानबाजी गैरजिम्मेदाराना”
मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची ने राठौर के आरोपों को गैरजिम्मेदाराना करार दिया। खाची ने कहा, “कुछ नेता एयरकंडीशंड कमरों में बैठकर बिना तथ्यों की जांच किए मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए बयान देते हैं। कुलदीप राठौर को पहले तथ्यों को सत्यापित करना चाहिए था।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पंडोह डैम में जमा लकड़ी अवैध कटाई का परिणाम नहीं, बल्कि जंगलों में वर्षों से एकत्रित प्राकृतिक कचरा है, जो बाढ़ के साथ बहकर आया। खाची ने कहा, “मैंने स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। जहां यह लकड़ी आई है, वहां इंसानों का पहुंचना असंभव है। ऐसे में अवैध कटाई का सवाल ही नहीं उठता।”
“जंगल का कचरा, अवैध कटाई नहीं”
खाची ने बताया कि जंगलों में प्राकृतिक रूप से पेड़ टूटकर गिरते और सड़ते रहते हैं। बाढ़ के दौरान यही लकड़ियां बहकर पंडोह डैम तक पहुंचीं। “जो लकड़ियां काम की हैं, उन्हें निकाला जा रहा है, और बाकी कचरा पानी के साथ बह गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और अभी तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई है। खाची ने मीडिया से भी अपील की कि वे स्वयं मौके पर जाकर वास्तविक स्थिति की जांच करें।
जांच और कार्रवाई का आश्वासन
खाची ने आश्वासन दिया कि वन विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी तरह की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेंगे। लेकिन बिना सबूत के आरोप लगाना उचित नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि शिमला में उन्हें इस मामले की प्रारंभिक रिपोर्ट मिली थी, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मौके पर जाकर स्थिति का आकलन किया।
उन्होंने कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया पर जो चीजें दिखती हैं वह हमेशा सत्य नहीं होती, इसलिए नेताओं को पहले सबकुछ जांच पड़ताल करने के बाद ही अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। केहर सिंह खाची ने कहा कि मुझे शिमला में ही सारे मामले की रिपोर्ट प्राप्त हो गई थी लेकिन मैंने फिर भी जमीनी स्तर पर आकर सबकुछ स्वयं देखा और उसके बाद ही अब मीडिया के समक्ष बयान दे रहा हूं।
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