Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के शीर्ष नेताओं के शिमला आगमन पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने तीखा हमला बोला है। शिमला से जारी एक बयान में ठाकुर ने सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के शिमला दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि “झूठी गारंटी देने वालों का जमावड़ा” हिमाचल में हो रहा है, लेकिन जनता को जवाब चाहिए कि वादों का क्या हुआ।
जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार की 10 गारंटियों पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “कितने युवाओं को एक लाख नौकरियां दी गईं? राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का लाभ कितनों को मिला? कितनी महिलाओं को सम्मान निधि मिली? दूध के लिए 100 रुपये प्रति किलो की गारंटी का क्या हुआ? सेब बागवानों को अपने दाम तय करने का वादा था, फिर 27 साल में सबसे कम कीमत क्यों मिल रही है?” ठाकुर ने कांग्रेस आलाकमान से आग्रह किया कि वे सरकारी आंकड़ों पर भरोसा करने के बजाय जमीनी हकीकत की जांच करें।
ठाकुर ने हिम केयर योजना की बदहाली पर सवाल उठाया। “लोग इलाज के लिए भटक रहे हैं, क्योंकि सरकार ने हिम केयर का पैसा जमा नहीं किया। आपदा प्रभावितों को फौरी राहत तक क्यों नहीं मिली?” उन्होंने पेंशनरों की नाराजगी का जिक्र करते हुए पूछा, “प्रदेशभर में पेंशनर सड़कों पर क्यों उतर रहे हैं? उनके मेडिकल बिल और बकाया भुगतान क्यों रुके हैं?” ठाकुर ने यह भी सवाल किया कि संविधान बचाओ यात्रा चलाने वाली कांग्रेस नगर निगम और पंचायत चुनाव टालकर हिमाचल के लोगों के संवैधानिक अधिकार क्यों छीन रही है?
जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार को “मित्रों की सरकार” करार देते हुए कहा कि हिमाचल विकास के बजाय पीछे जा रहा है। “पूरी सरकार कार्यवाहक नौकरशाही के भरोसे चल रही है और झूठ की बैसाखियों पर टिकी है।” उन्होंने कांग्रेस आलाकमान से जवाब मांगा कि “व्यवस्था परिवर्तन” का वादा करने वाली सरकार को मित्रों की सरकार क्यों कहा जा रहा है?
ठाकुर ने अपनी सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने बिना गारंटी दिए जनहित की योजनाएं लागू कीं। “हमने गृहिणी सुविधा योजना, 125 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए आधा बस किराया, ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त पानी, हिम केयर, सहारा योजना, शगुन योजना, वृद्धा पेंशन, स्वावलंबन योजना और कन्यादान योजना जैसी योजनाएं दीं।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसे वैश्विक संकट में भी उनकी सरकार ने कर्मचारियों की भर्ती की और एक भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा।
ठाकुर ने मौजूदा सरकार पर कोविड के दौरान जान जोखिम में डालकर काम करने वालों को बेरोजगार करने का आरोप लगाया। “यह सरकार अच्छी नीयत से नहीं, बल्कि गारंटियों के नाम पर चल रही है। दुर्भाग्य यह है कि सरकार की नीयत में ही खोट है।” उन्होंने कहा कि जनसेवा और विकास के लिए मंदिरों में कसमें खाने की जरूरत नहीं, बल्कि ईमानदारी से काम करने की आवश्यकता है।











