Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में उद्योगपतियों से कथित उगाही का मामला तूल पकड़ रहा है। इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस विधायक राम कुमार और बीजेपी विधायक व पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए सियासी माहौल गरमा दिया है।
राम कुमार के आरोप
दून से कांग्रेस विधायक राम कुमार ने आरोप लगाया कि जब बिक्रम सिंह ठाकुर उद्योग मंत्री थे, तब उन्होंने बद्दी में उद्योगपतियों से पैसों की उगाही की और अपने पद का दुरुपयोग किया। शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान राम कुमार ने बिक्रम ठाकुर का एक वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि बद्दी में उनके दौरों के दौरान उद्योगों का निरीक्षण सिर्फ उगाही के मकसद से किया गया।
राम कुमार ने सवाल उठाया कि ठाकुर ने जिन उद्योगों से निरीक्षण रिपोर्ट एकत्रित करने का दावा किया, वह रिपोर्ट आखिर कहां जमा की गई? और उस पर क्या कार्रवाई हुई विक्रम ठाकुर को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। उनका आरोप था कि पूर्व मंत्री ने यह सब उद्योगों पर दबाव बनाकर अवैध रूप से वसूली के लिए किया गया था।
राम कुमार ने यह भी कहा कि उन पर और उनके परिवार पर लगातार झूठे आरोप लगाए जाते हैं, जबकि उनका परिवार शुरू से व्यापारिक रहा है और सरकार को करोड़ों रुपये का टैक्स देता है। उन्होंने साफ किया कि उनकी पत्नी भी व्यवसाय से जुड़ी हैं और उन पर लगाए गए सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
इसके साथ ही, राम कुमार ने दून के पूर्व विधायक के बेटे का एक वायरल ऑडियो भी मीडिया के सामने पेश किया और दावा किया कि बीजेपी सरकार के दौरान उद्योगपतियों से दबाव बनाकर वसूली की जाती थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की गहन जांच की मांग की।
इतना ही नहीं, राम कुमार ने बिक्रम सिंह ठाकुर को 2 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजने की भी बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योगों को जमीन आवंटन के नाम पर कस्टमाइज्ड पैकेज का बहाना बनाकर बड़ा घोटाला किया गया। उनका कहना था कि अगर इस पर जांच हो तो यह हिमाचल का सबसे बड़ा जमीन घोटाला साबित होगा।
बिक्रम सिंह ठाकुर का पलटवार
दूसरी ओर, बिक्रम सिंह ठाकुर ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई। ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि “राम कुमार अपने बयानों से खुद ही शक के घेरे में आ रहे हैं।”
उन्होंने कांग्रेस सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वास्तव में कोई भ्रष्टाचार हुआ था तो बीते तीन सालों में इसकी जांच क्यों नहीं हुई? उनका कहना था कि बिना सबूत लगाए गए आरोपों से हकीकत नहीं बदल सकती।
उल्लेखनीय है कि बद्दी जैसे औद्योगिक क्षेत्र में कथित उगाही और नेताओं की दखलंदाज़ी का मुद्दा अब हिमाचल की राजनीति में आग की तरह फैल चुका है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार इस मामले की जांच का आदेश देगी या फिर यह विवाद सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई बनकर रह जाएगा।











