Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

HP Co-Operative Societies Rules: हिमाचल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: सहकारी समिति के चुनाव में नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं

HP Co-Operative Societies Rules: हिमाचल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: सहकारी समिति के चुनाव में नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं

HP Co-Operative Societies Rules: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सहकारी समितियों के चुनाव प्रक्रिया को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति नियम, 1971 के नियम 38 के तहत, निवर्तमान प्रबंध समिति को अपने कार्यकाल की समाप्ति से कम से कम 90 दिन पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

केवल एक प्रस्ताव पारित करना चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के बराबर नहीं माना जा सकता। जस्टिस अजय मोहन गोयल ने कहा, “कार्यकाल खत्म होने से 90 दिन पहले प्रस्ताव पारित करना, किसी भी तरह से चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कहा जा सकता।”

क्या है मामला?
दरअसल, मामला साई सहकारी गैर-कृषि मितव्ययी और साख समिति लिमिटेड से जुड़ा है। याचिकाकर्ता, जो इस समिति के संस्थापक सदस्य और निर्वाचित अध्यक्ष हैं, ने हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। उन्होंने उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें समिति के प्रबंध समिति के लिए हुए चुनाव को अवैध घोषित किया गया था। प्राधिकरण ने पाया कि प्रबंध समिति ने नियम 38(3) का उल्लंघन किया और पिछले समिति के कार्यकाल समाप्त होने से 90 दिन पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं की थी।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल में गुरुवार को 315 कोराेना पॉजिटिव, 2 की मौत

याचिकाकर्ता का दावा
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि पिछली प्रबंध समिति ने समय पर प्रक्रिया शुरू की थी और एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की कई अन्य सहकारी समितियां इस नियम का सख्ती से पालन नहीं करतीं और पहले भी इसी तरह से चुनाव हुए हैं।

कोर्ट का नजरिया
हाई कोर्ट ने नियम 37 और 38 की जांच की और स्पष्ट किया कि निवर्तमान प्रबंध समिति को नियमों के अनुसार सख्ती से चुनाव प्रक्रिया शुरू करनी होगी। कोर्ट ने पाया कि इस मामले में समिति ने ऐसा नहीं किया। याचिकाकर्ता ने खुद स्वीकार किया कि नियमों का पालन नहीं हुआ था। कोर्ट ने कहा कि प्राधिकरण का यह निर्णय सही था कि चुनाव प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हुई।

इसे भी पढ़ें:  Himachal: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर शांता कुमार ने की सख्त टिप्पणी

अन्य समितियों की गलती कोई आधार नहीं
कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि भले ही राज्य की अन्य सहकारी समितियां नियमों का पालन नहीं करती हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि याचिकाकर्ता समिति की गलती को नजरअंदाज किया जाए। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गैरकानूनी प्रक्रिया के आधार पर हुए चुनाव को प्राधिकरण ने सही तरीके से रद्द किया।

क्या है नियम 38?
हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति नियम, 1971 का नियम 38 स्पष्ट करता है कि निवर्तमान प्रबंध समिति को अपने कार्यकाल की समाप्ति से कम से कम 90 दिन पहले नई समिति के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू करनी होगी। यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से हों।

इसे भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सासे आगमन पर किया स्वागत

केस का नाम: राज कुमार और अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य, केस नंबर**: CWP नंबर 11224/2025, निर्णय की तारीख: 27 अगस्त 2025

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now