Himachal News: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह से उनके कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की और बिहार चुनाव में भाजपा और इंडिया की प्रचंड जीत पर बधाई दी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री से उन्होंने हिमाचल प्रदेश के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा की और आपदा राहत कार्यों से अवगत कराया। तत्पश्चात, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और स्वास्थ्य एवं रसायन मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से भी भेंट की और बिहार विधानसभा चुनाव की जीत पर बधाई दी।
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि अमित शाह से मिलकर उन्होंने हिमाचल प्रदेश के वर्तमान हालात से अवगत कराया और कहा कि सरकार आपदा राहत कार्यों में पूरी तरह से विफल रही है। जिस तरह से आपदा में विकास और पुनर्वास के काम होने चाहिए थे, वे नहीं हुए। सरकार आपदा प्रभावितों के साथ संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। जो सड़कें जहां टूटी थीं, वे वहीं पड़ी हैं। बिजली-पानी की सुविधाएं भी स्थायी रूप से हर जगह बहाल नहीं हो पाई हैं। आने वाला समय सर्दी का है, ऐसे में अस्थायी सुविधाओं से काम नहीं चलने वाला है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार पूरी तरह से दिशाहीन है। यह सरकार राह चलते फैसले लेती है और राह चलते ही उन्हें बदल देती है। सरकार में कहीं से भी परिपक्वता नहीं दिखाई देती। मुख्यमंत्री जो भी फैसला लेते हैं, उसमें न तो तर्क होता है और न ही दूरदर्शिता।” उन्होंने कहा कि “हिमाचल प्रदेश में पहली बार ऐसी सरकार देखी है, जहां न तो कोई सरकार दिखाई देती है और न ही कोई व्यवस्था और कानून।”
ऊना और सोलन में जिस प्रकार से सरेआम गोलियां चलीं, उसने सरकार के इकबाल पर सवाल खड़ा कर दिया है। जयराम ठाकुर ने कहा, “ऊना में तो कांग्रेस के एक बड़े नेता के होटल पर गोली चलती है और तलवारें चलती हैं। कांग्रेस के नेता द्वारा ही कांग्रेस के एक युवा नेता की जघन्य हत्या की जाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि “उन घटनाओं के जो दृश्य समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के जरिए सामने आए हैं, वे भयावह हैं।” इसके बावजूद, सरकार अपराधियों पर लगाम लगाने के बजाय पत्रकारों को डराने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने पूछा, “जांच के तथ्य मीडिया तक कैसे पहुंच रहे हैं? उन्हें कौन पहुंचा रहा है? क्या उनकी मंशा इन्हें बाहर लाने की है?” जयराम ठाकुर ने कहा कि “प्रदेश में हर दिन हो रही हत्याओं और आपराधिक घटनाओं को रोकने में यह सरकार पूरी तरह से असफल रही है, और महिलाओं को सुरक्षा देने में भी यह सरकार नाकाम रही है।”
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, “यह सरकार अराजकता का जीता-जागता उदाहरण है।” डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के नाम पर सरकार पंचायत चुनावों को रोकना चाहती है, लेकिन पांच महीने में आपदा प्रभावितों के लिए कुछ भी काम करने को तैयार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया, “जब राज्य चुनाव आयोग ने बार-बार पत्र लिखकर पंचायत के पुनर्सीमांकन के लिए कहा, तो सरकार ने क्यों नहीं किया?”
“जब पंचायत के रोस्टर जारी करने के लिए निर्देश दिए गए, पंचायत चुनाव की समीक्षा के लिए निर्वाचन आयोग ने बैठकें बुलाईं, तो अधिकारियों ने उनका बहिष्कार क्यों किया?” जयराम ठाकुर ने यह भी सवाल किया, “जब पंचायत के कार्यकाल का समय खत्म हो गया, तो सरकार को अचानक पंचायत के पुनर्सीमांकन की याद क्यों आई? क्या सरकार की नीयत में खोट थी?”
उन्होंने कहा कि “जब राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की धारा 12.1 लागू करके पंचायत की सीमाओं को फ्रीज कर दिया, तो सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से पंचायत के पुनर्सीमांकन का आदेश क्यों जारी किया?” यह पहली बार था जब प्रदेश में ऐसा हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकार इस प्रकार से सभी संस्थाओं पर हमला कैसे कर सकती है?”
“व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्थाओं का यह पतन कैसे हो सकता है?” जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि “कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भारतीय जनता पार्टी सरकार को घेरने और उसकी हर नाकामी और जनविरोधी कृत्य का हिसाब मांगेगी।”











