Himachal News: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के रहने वाले लांस दफेदार बलदेव चंद देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर गए हैं। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में रविवार रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान उन पर गोली चली, जिससे वे वीरगति को प्राप्त हो गए। सेना ने आज सुबह उनके परिवार को इस दुखद खबर की सूचना दी।
बलदेव चंद का पार्थिव शरीर जम्मू-कश्मीर से हेलिकॉप्टर के जरिए चंडी मंदिर लाया जाएगा। इसके बाद सड़क मार्ग से उनकी पैतृक जगह झंडुता के गंगलो गांव पहुंचाया जाएगा। कल दोपहर तक पार्थिव शरीर गांव पहुंचने की उम्मीद है, जहां कुछ देर के लिए अंतिम दर्शन के लिए घर पर रखा जाएगा। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। झंडुता की SDM अर्शिया शर्मा ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे तक पार्थिव शरीर गांव पहुंच सकता है।
जानकारी के मुताबिक बलदेव चंद अपने पीछे 7 साल का बेटा, पत्नी, माता और पिता को छोड़ गए हैं। शहादत की खबर सुनते ही परिवार में मातम पसर गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव के लोग भी उनके घर जमा होकर संवेदना जता रहे हैं। बलदेव ने साल 2011 में सेना में भर्ती होकर 15 साल तक देश की सेवा की और अंततः अपने कर्तव्य को निभाते हुए शहीद हो गए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शहीद बलदेव चंद के बलिदान पर गहरा दु:ख जताया है। उन्होंने कहा, “बलदेव चंद ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी, उनका यह सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार इस मुश्किल समय में परिवार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।











