Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में खुलासा किया कि नई शराब नीति ने राज्य के खजाने को मजबूती दी है। वित्त वर्ष 2024-25 में इस नीति के तहत 2,776 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि 25.38 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में शराब नीति से 2,631 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जिसमें 92.55 करोड़ रुपये का बकाया अब भी शेष है।
87 क्लस्टरों की नीलामी से 1,769 करोड़ की वसूली
बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में शराब के कुल 87 क्लस्टरों की ठेकेदारी नीलाम की गई। इनकी नीलामी से 1,795 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व निर्धारित किया गया था, जिसमें से 1,769.68 करोड़ रुपये की राशि सरकार ने वसूल कर ली है। शेष राशि की वसूली के लिए प्रशासन सक्रिय है।
नई नीति से राजस्व में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने नई शराब नीति की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि यह नीति न केवल राजस्व बढ़ाने में कारगर रही है, बल्कि शराब के कारोबार को और पारदर्शी बनाने में भी मददगार साबित हुई है। 2023-24 की तुलना में 2024-25 में राजस्व में करीब 145 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार का लक्ष्य बकाया राशि को जल्द से जल्द वसूल कर राजस्व को और मजबूत करना है।
विपक्ष के सवालों का जवाब
त्रिलोक जम्वाल ने शराब नीति के तहत ठेकों की नीलामी प्रक्रिया और बकाया राशि को लेकर सवाल उठाया था। जवाब में सीएम ने भरोसा दिलाया कि सरकार नीलामी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी रख रही है और बकाया राशि की वसूली के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यह जानकारी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान दी गई, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा चल रही है।
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