Himachal टांडा में रोबोटिक सर्जरी स्वास्थ्य क्षेत्र में नए आयाम करेगी स्थापित

Published on: 24 January 2025
Himachal टांडा में रोबोटिक सर्जरी स्वास्थ्य क्षेत्र में नए आयाम करेगी स्थापित

Himachal Pradesh News: जिला कांगड़ा में शीतकालीन प्रवास के दौरान, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने धर्मशाला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में, एम्स दिल्ली की तर्ज पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में रोबोटिक सर्जरी प्रणाली स्थापित करने के लिए 28 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी प्रदान की गई। यह पहल जिला कांगड़ा में लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी जिससे जिला और पड़ोसी क्षेत्रों के हजारों मरीजों को लाभ मिलेगा।

मंत्रिमंडल ने टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा (एआइएमएसएस) में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 56 करोड़ रुपये की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की है। टांडा मेडिकल कॉलेज और एआईएमएसएस चमियाणा में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत से लोगों को यूरोलॉजी, सामान्य सर्जरी, स्त्री रोग, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और गैस्ट्रो सर्जरी में उन्नत सर्जिकल सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे कांगड़ा और शिमला जिलों और आसपास के जिलों के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी।

रोग के निदान में रोबोटिक सर्जरी से सटीकता, उपचार उपरांत शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और न्यूनतम इनवेसिव तकनीकों के कारण संक्रमण जोखिम कम होता है। इस तकनीक में छोटे चीरों के साथ, रोगियों को दर्द का अनुभव कम होता है और मरीज शीघ्र ठीक होकर अपने घर जा सकता है। इस विश्व स्तरीय तकनीक से सर्जन भी लाभन्वित होंगे। जिससे वे अधिक निपुणता और सुरक्षा के साथ जटिल प्रक्रियाओं को करने की अपनी क्षमताओं में सुधार कर सकेंगे।

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सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में यह नवाचार पहल हिमाचल प्रदेश के लोगों तक नवीनतम चिकित्सा तकनीक तक पहुंच सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और चमियाणा स्वास्थ्य संस्थान प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले उत्कृष्ट स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेंगे और इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष, राज्य के 9.5 लाख मरीज बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश से बाहर की ओर रूख करते है जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 1,350 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर ध्यान केन्द्रित करते हुए वर्तमान राज्य सरकार हजारों मरीजों के बहुमूल्य समय और धन की बचत करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

Tek Raj

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