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Himachal News: सुक्खू सरकार ने 20 महीने में लिया 21 हजार करोड़ से अधिक का ऋण, जानिए पूरी जानकारी

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Himachal News: चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियां वोट पाने के लिए बड़े-बड़े वादे तो कर देती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन्हें पूरा करना उन्हें बहुत महंगा पड़ता है। कुछ ऐसा ही नजारा हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रहा है। दरअसल हिमाचल सरकार को वित्तीय संकट से निपटने के लिए भारी मात्रा में कर्ज लेना पड़ रहा है।

पिछले कई वर्षों से हिमाचल प्रदेश कर्ज लेकर  चल रहा है हालांकि विपक्ष में रहते हुए दोनों दल बार बार कर्ज लेने को मुख्य मुद्दा बनाते हैं। लेकिन सत्ता में आने पर उसी राह पर चल पड़ते हैं। इस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस भी इसी कर्ज के सहारे अपनी सरकार चला रही है और अपने लगभग 20 महीने में 15,502 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज ले चुकी है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में जानकारी दी कि उनके कार्यकाल के दौरान, 15 दिसंबर 2022 से 31 जुलाई 2024 तक, सरकार ने कुल 21,366 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इस अवधि में पुराने कर्ज के रूप में 5,864 करोड़ रुपये की अदायगी की गई, जिससे लगभग 20 महीने में 15,502 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज प्राप्त हुआ है।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 15 दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक 6,897 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10,521 करोड़ रुपये का कर्ज उठाया गया। इसी प्रकार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2024 तक 3,948 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। इस प्रकार, पिछले 20 महीनों में कुल 21,366 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1,097 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3,481 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,286 करोड़ रुपये का कर्ज वापस किया गया, जिससे कुल 5,864 करोड़ रुपये की अदायगी की गई है।

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वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान साढ़े तीन महीनों में 5,800 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज लिया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7,040 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2,662 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में वित्त विभाग ने किसी भी विभाग से ऐसी राशि वापस नहीं ली, जो कि खर्च नहीं हो पाई है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का कुल बोझ 95,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। राज्य में वित्तीय संकट का मुद्दा प्रदेश सहित देश में भी गरमाया हुआ है। वहीँ  लगातार दो सालों में आपदा से प्रभावित होने के बाद सुक्खू सरकार आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन-भत्तों को दो महीने तक विलंबित करने की घोषणा की है।

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