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खुशखबरी, अब इन राज्‍यों में भी OPS होगी लागू !

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Old Pension Scheme: देश में एकबार फिर से पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करने की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ओपीएस लागू होने के बाद अन्य राज्यों की सरकार पर फिर से इसे लगू करने का दवाब लगातार बढ़ता जा रहा है।

इस बीच महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर राज्य के 17 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल में राज्य भर के कर्मचारी संगठन शामिल हो रहे हैं। इसके कारण सरकारी कामकाज के बुरी तरह प्रभावित होने के आसार हैं। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग पर विचार करने के लिए सीन‍ियर अध‍िकार‍ियों की एक समिति की घोषणा की है, लेकिन कर्मचारी संगठन इससे खुश नहीं है।

कर्नाटक में मई जून में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं जबकि इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इन राज्यों की सरकार भी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। कर्नाटक में पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बढ़ते दवाब के बीच बोम्‍मई सरकार ने कर्मचार‍ियों की बेसिक पे में 17 प्रत‍िशत का इजाफा करने का ऐलान क‍िया। साथ ही उन्होंने पुरानी पेंशन को लागू करने के ल‍िए एक सम‍ित‍ि का गठन क‍िया है।

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वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि यदि राज्य में उनकी सरकार बनी तो वह ओपीएस लागू करेगी। जबकि विधानसभा के बजट सत्र में शिवराज सरकार साफ कर चुकी है कि फिलहाल ओपीएस को लागू करने का उनका कोई विचार नहीं है।

आपको बता दें कि जिन पांच राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया गया है उनमें से चार में कांग्रेस या कांग्रेस गठबंधन की सरकार हैं, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। लोकसभा चुनाव से पहले जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां कई पार्टियों ने इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है।

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दरअसल 1 अप्रैल 2004 को तत्कालीन अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद 2004 में ही पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी। पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह उक्त कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतनमान पर आधारित होती थी। इसमें रिटायर कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। लेकिन नई पेंशन योजना के तहत में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है।

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इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के तहत कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा भी मिलती थी। वहीं नई पेंशन स्कीम में यह व्यवस्था नहीं है। इसमें पेंशन के तौर पर कितनी रकम मिलेगी, इसकी गारंटी भी नहीं मिलती है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं था।

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OPS और NPS में क्या है अंतर

दरअसल 1 अप्रैल 2004 को तत्कालीन अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को बंद करने का फैसला किया था। इसके बाद 2004 में ही पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System) शुरू की गई थी।

  • पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) के तहत केंद्र अपने सरकार कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह उक्त कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतनमान पर आधारित होती थी। इसमें रिटायर कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। लेकिन नई पेंशन योजना के तहत में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है।
  • जबकि नई पेंशन स्कीम (NPS) में यह व्यवस्था नहीं है। इसमें पेंशन के तौर पर कितनी रकम मिलेगी, इसकी गारंटी भी नहीं मिलती है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ऐसा कुछ भी नहीं था।
  • न्यू पेंशन स्कीम एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है। इसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस फीसदी हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14 फीसदी भाग डालती है। नई पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14 प्रतिशत का ही योगदान देती है।
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