National News in Hindi: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के संकल्प को दुनिया के सामने दोहराते हुए साफ-साफ कह दिया कि भारत कभी आंतकवाद के केंद्र पर हमला करने से नहीं हिचकेगा। चीन के किंगडाओ शहर में आयोजित एससीओ की मीटिंग में रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद की जड़ें कहीं भी हों, वो अब सुरक्षित नहीं रह सकतीं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘भारत ने अपनी कार्रवाईयों से जाहिर कर दिया है कि आतंकवाद को रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस नीति में आतंकवाद के खिलाफ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार सम्मिलित है। हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद का केंद्र अब सुरक्षित नहीं बच पाएगा और हम कभी उस पर वार करने से नहीं हिचकेंगे।’
पाकिस्तान का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि आंतकवाद प्रायोजित करने वाले, उसे पाल-पोषकर अपने संकीर्ण स्वार्थ की पूर्ति में उसका उपयोग करने वालों को नतीजे भुगतने ही होंगे। कुछ देश आंतकवाद के उपयोग को अपनी नीति में शामिल कर चुके हैं, इसलिए वो आतंकवादियों को शरण देते हैं। ऐसे दोहरे मानदंडों की कहीं जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने से नहीं हिचकना चाहिए।’
राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आंतकवादियों ने 26 निर्दोष जानें ले लीं। उन्होंने कहा कि इस नृशंस नरसंहार को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूह द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) दरअसल लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही प्रॉक्सी है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगांव हमले का जबाब भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया। उन्होंने एससीओ के सदस्य देशों से आतंकवाद के हर प्रारूप, उसके समर्थकों और मददगारों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘एससीओ मेंबर्स को इस बुराई के प्रति एक सुर में आवाज उठानी ही चाहिए।’
राजनाथ सिंह ने कट्टरपंथी विचारों की जड़ों पर प्रहार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने खासकर युवाओं को कट्टरपंथी भावनाओं से दूर रखने पर बल दिया। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हमें हमारे युवाओं में कट्टरपंथी विचारों को फैलने से भी रोकना होगा। एससीओ के रैट्स (रीजनल एंटी-टेररिस्ट स्ट्रक्चर) मैकनिजम ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उल्लेखनीय है कि चीन के किंगडाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मीटिंग चल रही है। एससीओ के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग 25 से 26 जून तक चलनी है। इसमें भारत, चीन, रूस और कुछ मध्य एशियाई देशों के रक्षा मंत्री भाग ले रहे हैं। इनके बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापित करने के उपायों पर चर्चा हो रही है।
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