हथियारों में आत्मनिर्भर बने भारत, विदेशों को भी करे निर्यात :- कमल डावर

Published on: 15 June 2024
India should become self-reliant in weapons, export to foreign countries also

प्रजासत्ता ब्यूरो |
कसौली : अगर भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान अलग-अलग या संयुक्त रूप से है, तो देश को मिलिट्री उपकरण, प्लेटफॉर्म, आर्टलरी, टैंक, गन्स, एयरक्राफ्ट, मिसाइल्स की जरूरत होगी। इसलिए सरकार को अपनी सैन्य तैयारी पूरे साल रखनी होगी और उसमें कोई ढील नहीं आनी चाहिए। वहीं रक्षा उपकरणों व हथियारों के मामले में भी देश को आत्मनिर्भर बनना होगा। यह सुझाव शुक्रवार को प्रतिष्ठित कसौली क्लब में आयोजित कसौली वीक कार्यक्रम में समकालीन रणनीतिक मामलों पर आयोजित एक सेमिनार के दौरान रक्षा विशेषज्ञों व पूर्व सैन्य अधिकारियों ने रखे।

लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कमल डावर
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कमल डावर

सेमिनार के कन्वीनर रक्षा खुफिया एजेंसी के पहले महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कमल डावर ने सेमिनार का संचालन किया। सेमिनार के शुभारंभ पर कसौली क्लब के चेयरमैन ब्रिगेडियर कुनाल बख्शी ने सभी का स्वागत किया। सेमिनार में भारत को प्रभावित करने वाले वैश्विक व क्षेत्रीय भू-राजनीतिक व्यवधानों पर चर्चा हुई। “उभरती भू-राजनीतिक संरचना में चीन की प्राथमिकताओं को पुनः व्यवस्थित करना” विषय पर रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने अपने सुझाव रखे।

“भारत-पाकिस्तान: क्या आगे बढ़ने का कोई रास्ता है?”  विषय पर पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त एंबेसडर अजय बिसारिया ने सुझाव रखे। अंडमान और निकोबार द्वीप के रणनीतिक महत्व का लाभ उठाना विषय पर अंडमान एवं निकोबार कमांड के पूर्व कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने अपने महत्व सुझाव दिए। वहीं जनरल मानेकशॉ के बाद के युग में रणनीतिक सैन्य नेतृत्व विषय पर पूर्व पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी ने भी अपने विचार रखे।”

सरकार को ये दिए जाएंगे सुझाव
लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) कमल डावर ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप की रणनीतिक महत्व कितनी महत्वपूर्ण है। यह भारत के समुद्र में है और यहां की मुख्य धरा से करीब 1300 किमी दूर है। मलाका स्ट्रेट से चीन को शिपिंग जाती है, तेल व सप्लाई लेकर। उस पर भी सेमिनार में चर्चा की गई कि हम इंडिया के ओशिन को इंडिया का ओशिन ही रखेंगे। उन्होंने कहा कि सैन्य तैयारी को बहुत समय लगता है। इसलिए सरकार को अपनी ओर से सैन्य तैयारी रखनी होगी।

उन्होंने कहा कि अभी हम हथियारों को बडे स्तर पर बाहर से खरीदते हैं, लेकिन सरकार ने आत्मनिर्भरता की योजना को चला रख है। इसलिए हमें इसमें निजी सेक्टर व डीआरडीओ, ऑर्डिनेंस फैक्टरी काफी चीजे बनाती है और हमें इनके कामों को इकठ्ठा करना है, ताकि हम आत्मनिर्भर बने। न केवल हम अपनी फौज के लिए हथियार बनाएं बल्कि विदेशों को भी निर्यात कर सके। जैसे हम अभी ब्रह्मोस मिसाइल, हेलीकॉप्टर निर्यात कर रहे हैं और तेजस भी करेंगे। सेमिनार में इन विषयों पर चर्चा कर सुझाव सरकार को भेजते हैं।”

चीन के साथ ज्यादा नरमी दिखाने की जरूरत नहीं

चीन की नीति है कि भारत को साउथ एशिया में ही बंद करके रखे, क्योंकि वह भारत को कंपटिटर मानता है। चीन को गलवान में भारत की सेना ने अच्छी चोट दी है। हमें भी यह एंश्योर करना है कि हम चीन के साथ वही करें, जो वो हमारे साथ कर रहे हैं। हमें उनके साथ कोई ज्यादा नरमी दिखाने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान के साथ भारत की स्पष्ट नीति है कि आतंकवाद और संवाद एक साथ नहीं हो सकते। वह आतंकवादी हमले भी करें और वो समझे कि हम बातचीत करें, तो यह उनकी गलतफहमी है। पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक हमने किया था, लेकिन वो फिर कुछ करेंगे तो हम छोड़ेंगे नहीं।”

Tek Raj

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