KSLF 2025: हिमाचल प्रदेश के कसौली में 14वें खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल (KSLF 2025) के अंतिम दिन सत्र Reassessing Rajiv Gandhi’s Legacy for India’s Future में मणिशंकर अय्यर और जौहर सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की नीतियों, रामायण धारावाहिक और उनके शासनकाल की उपलब्धियों पर गहन चर्चा की। इस सत्र में कश्मीर, पंजाब, श्रीलंका और पंचायती राज जैसे मुद्दे उठे, लेकिन सबसे ज्यादा जोर रामायण धारावाहिक और राजीव गांधी के सुधारवादी नजरिए पर रहा।
चर्चा के जौहर सरकार ने सत्र में रामायण धारावाहिक (1987-88) को शुरू करने को लेकर सवाल उठाया कि इसे शुरू करने की पहल किसकी थी। इस पर मणिशंकर अय्यर ने स्पष्ट किया कि यह राजीव गांधी का विचार था, जिसका मकसद भारत की सांस्कृतिक विरासत को रंगीन टीवी के माध्यम से जनता तक पहुंचाना था। “1982 में राजीव ने एशियाई खेलों के लिए रंगीन टीवी भारत लाया। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं।
मणिशंकर ने बताया कि राजीव का इरादा इनके मूल्यों को उजागर करना था, न कि सियासी लाभ लेना।” उन्होंने बाबरी मस्जिद विवाद से रामायण को जोड़ने की कोशिशों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि “यह धारावाहिक बाबरी के ताले खोलने के लिए शुरू नहीं हुआ था। कुछ लोगों ने इसका दुरुपयोग किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद विध्वंस को जघन्य ठहराया और फिर उसी जमीन को विध्वंस करने वालों को दे दिया। इसके लिए राजीव को जिम्मेदार ठहराना गलत है।” अय्यर ने जोर देकर कहा कि रामायण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जिसमें अच्छाई और बुराई का संघर्ष है, और इसे सांप्रदायिक रंग देना अनुचित है।
मणिशंकर अय्यर ने राजीव गांधी के शासनकाल को एक प्रेरक दौर बताया, जिसमें उन्होंने पंजाब, असम, मिजोरम, दार्जिलिंग और जम्मू-कश्मीर जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों में समझौते किए। अय्यर ने कहा, “राजीव ने राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस के तात्कालिक हितों का त्याग किया। पंजाब में, जहां कांग्रेस हार रही थी, उन्होंने लोकतांत्रिक चुनाव कराए, जिससे अकाली दल सत्ता में आया।
असम में अखिल असम छात्र आंदोलन से बनी असम गण परिषद जीती। मिजोरम में विद्रोही लालडेंगा को मुख्यमंत्री और उनके विरोधी लालथनहावला को उपमुख्यमंत्री बनाया गया।” दार्जिलिंग में सुभाष घिसिंग को गोरखा हिल्स डेवलपमेंट काउंसिल चलाने का मौका दिया गया। अय्यर ने एक घटना साझा की, “1986 में राजीव दार्जिलिंग गए, जहां केवल 50 लोग थे। फिर भी उन्होंने भाषण दिया, क्योंकि वे घिसिंग को संदेश देना चाहते थे कि भारत उनके साथ है। 1989 तक वहां विशाल सभा हुई।”
मणिशंकर ने पंचायती राज पहल को उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। “पंचायती राज ने ग्रामीण स्तर पर शासन को मजबूत किया और 14 लाख महिलाओं को चुने जाने का रास्ता खोला। यह विश्व में सबसे बड़ा आंकड़ा है।” उन्होंने कहा कि राजीव ने भारत की सामाजिक और भौगोलिक परिधि—अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब और सीमांत क्षेत्रों को केंद्र से जोड़ा। “वे अंडमान, लक्षद्वीप, मिनिकॉय तक गए, ताकि हर क्षेत्र को लगे कि भारत उनके साथ है।”
कश्मीर पर चर्चा में अय्यर ने जगमोहन की आत्मकथा My Frozen Turbulence in Kashmir का जिक्र किया। “दिसंबर 1989 से मार्च 1990 के बीच 138 लोग मारे गए, जिनमें 73 हिंदू और 63 मुस्लिम थे। 2021 तक के आंकड़े बताते हैं कि 31 साल में 89 हिंदू और 1,695 अन्य लोग मारे गए।” उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या को सिर्फ हिंदू-मुस्लिम आतंकवाद के चश्मे से देखना गलत है।
श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) पर अय्यर ने कहा, “राजीव ने श्रीलंका की अखंडता और भारत की एकता के लिए IPKF भेजा। यह सैन्य नहीं, शांति मिशन था। लेकिन सेना और खुफिया तंत्र ने उन्हें निराश किया। प्रभाकरन को गलत समझा गया, जिसके दुखद परिणाम हुए।”
सत्र में राजीव युग की आर्थिक प्रगति पर भी चर्चा हुई। “1989-90 में भारत ने 10.67% की जीडीपी वृद्धि हासिल की, जो आज तक का रिकॉर्ड है। कंप्यूटर क्रांति, ग्रामीण टेलीफोनी और तकनीकी श्रेष्ठता राजीव की देन थी।” हालांकि, अय्यर ने माना कि वी.पी. सिंह और अरुण नेहरू जैसे सहयोगियों ने राजीव को धोखा दिया, क्योंकि वे पार्टी हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखते थे।












