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Rupee Fall: क्या आपको भी याद है मोदी के वो बयान जो उन्होंने UPA के समय रुपये की गिरावट पर दिए थे?, अगर नहीं तो ये पढ़ें..!

Rupee Fall: क्या आपको भी याद है मोदी के वो बयान जो उन्होंने UPA के समय रुपये की गिरावट पर दिए थे?, अगर नहीं तो ये पढ़ें..!

Indian Rupee Fall: मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय रुपये की डॉलर के मुकाबले लगातार गिरती वैल्यू ने एक बार फिर से राजनीतिक बहस को गरमा दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने यूपीए सरकार पर रुपये की गिरावट को लेकर तीखा हमला बोला था। आज जब रुपया 90 के पार पहुंच चुका है, ऐसे में विपक्षी दल उनके ही किए सवालों से उन्हीं पर निशाना साध रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल (2004-2014) में रुपये ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना किया। 2004 में शुरुआत 45.5 रुपये प्रति डॉलर से हुई, जो 2009 तक 49.7 पर पहुंची (8.4% गिरावट), मुख्यतः 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के कारण। 2009-2014 में गिरावट तेज हुई। डॉलर इंडेक्स में 3.2% की बढ़ोतरी के बावजूद रुपया 21.1% कमजोर हुआ, 2013 के ‘टेपर टैंट्रम’ (अमेरिकी फेड की नीतियों से उभरते बाजारों का संकट) के चलते यह 68-69 तक लुढ़का।

अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो डॉ. मनमोहन सिंह के के नेतृत्व में चल रही यूपीए सरकार के कुल मिलाकर, 10 सालों के कार्यकाल  में डॉलर के मुकाबले रुपए में 44.37 से 60.34 (यानि 26.5% गिरावट) हुई। हालांकि, यूपीए ने इसे स्थिर करने के लिए कदम उठाए—2013 में गिरावट को चार महीनों में काबू किया और जीडीपी ग्रोथ को 5.1% से 6.9% तक पहुंचाया।

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इसके बाद मोदी सरकार ने सत्ता संभाली तो रुपया 58.58-60.34 प्रति डॉलर था। 2024 तक यह 83.38 (27.6% गिरावट) हो गया, और दिसंबर 2025 तक 90.42 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा—कुल 50% की कमी। पहले कार्यकाल (2014-2019) में 13.1% और दूसरे (2019-2024) में 15.2% की गिरावट आई, डॉलर इंडेक्स में 24.1% बढ़ोतरी के बावजूद। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने 80 अरब डॉलर खर्च कर स्थिरता बनाए रखी, लेकिन आयात महंगा होने से महंगाई बढ़ी।

अगर मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल के आंकड़ों को देखा जाए तो 2014-2025 में कुल गिरावट 54.05% के करीब, ऐतिहासिक रूप से सबसे तेज गिरावट है। नरेंद्र मोदी सरकार के तीन कार्यकाल (2014-2024 तक पूर्ण, और 2024-2025 का तीसरा कार्यकाल चल रहा है) में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हुआ है। यह गिरावट वैश्विक कारकों (जैसे डॉलर की मजबूती, तेल कीमतें), घरेलू नीतियों (जैसे व्यापार घाटा, FPI आउटफ्लो) और बाहरी दबावों (जैसे अमेरिकी टैरिफ) से प्रभावित रही है।

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कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार की शुरुआत में पहले कार्यकाल (2014-2019) में रुपया अपेक्षाकृत स्थिर था, लेकिन वैश्विक तेल संकट और FII आउटफ्लो से यह 19.5% गिरा। आरबीआई ने हस्तक्षेप कर गिरावट को सीमित रखा। 2019-2024 तक दूसरे कार्यकाल में कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और बढ़ते व्यापार घाटे ने दबाव बढ़ाया, जिससे 19.65% की गिरावट आई। 2024 तक कुल 10 वर्षों में 27.6% (58.40 से 83.50) की कमी हुई। तीसरे कार्यकाल (2024-2025) तक अमेरिकी टैरिफ, निर्यात में कमी और डॉलर की मजबूती से रुपया 90 के पार पहुंचा। पिछले 18 महीनों में 7.72% गिरावट आई, लेकिन यह चल रहा है और 2025 अंत तक और बढ़ सकती है।

इस खबर में आज हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन सभी प्रमुख बयानों से बता रहे हैं जो उन्होंने रुपये की डॉलर के मुकाबले गिरावट को लेकर यूपीए सरकार के खिलाफ दिए थे। ये बयान रैलियों, ट्वीट्स और साक्षात्कारों से लिए गए हैं।

  • “देखिए रुपया कितनी तेजी से गिर रहा है। कभी-कभी लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपये के बीच प्रतियोगिता चल रही है कि किसकी प्रतिष्ठा पहले गिरती है।”
  • “रुपया अपनी ताकत इसलिए खो रहा है क्योंकि इसका आकार बदल गया है। यह दिल्ली में बैठे लोग भ्रष्टाचार में व्यस्त हैं।”
  • “यूपीए सरकार और रुपया एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं कि कौन ज्यादा गिरेगा।”
  • “देश निराशा के दौर से गुजर रहा है। दिल्ली के शासक न तो देश की सुरक्षा की चिंता करते हैं, न रुपये की गिरती वैल्यू की। वे सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं।”
  • “अभी दोनों — रुपया और यूपीए सरकार — अपनी वैल्यू खो चुके हैं। देश को तबाही से बचाने का समय आ गया है।”
  • “रुपये की स्थिति क्या है? अफसोस, रुपया अस्पताल में है।”
  • “यह देश का दुर्भाग्य है कि दिल्ली के शासक न तो देश की सुरक्षा की चिंता करते हैं, न रुपये की गिरती वैल्यू की।”
  • “डॉलर के मुकाबले रुपया टूट रहा है। कांग्रेस के कारण रुपया आईसीयू में है।”
  • “अटल जी के समय रुपये की वैल्यू नहीं गिरी। अर्थव्यवस्था मजबूत थी। लेकिन आज अर्थशास्त्री पीएम के तहत क्या हो रहा है।”
  • “रुपये की गिरती वैल्यू के लिए यूपीए की मिस-गवर्नेंस और भ्रष्टाचार जिम्मेदार है।”
  • “रुपया इतना कमजोर हो गया है कि डॉलर के मुकाबले इसकी वैल्यू देखने के लिए माइक्रोस्कोप चाहिए।”
  • “पीएम की प्रतिष्ठा गिरते रुपये से जुड़ी हुई है।”
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