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NDRF डॉग स्क्वॉड में शामिल जूली-रोमियो का कमाल

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Turkey Earthquake: तुर्की में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के बाद NDRF की टीम वहां रेस्क्यू में जुटी है। NDRF टीम से साथ वहां ले जाए गए डॉग स्क्वॉड में शामिल जूली और रोमियो ने कमाल कर दिखाया है। दोनों ने भूकंप प्रभावित नूर्दगी (Turkey Earthquake) में मलबे में फंसी छह साल की बच्ची को बचाया है।

नूर्दगी में मौजूद NDRF के डॉग स्क्वॉड को संभालने वालों में एक शख्स ने कहा कि जब हम रेस्क्यू के लिए मलबे के पास पहुंचते हैं तो हमारे पास हमेशा जोड़े में डॉग स्क्वॉड में शामिल कुत्ते और हैंडलर होते हैं। हम पहले एक डॉग को छोड़ते हैं जो मलबे में किसी के जिंदा होने के बारे में जानकारी देता है।

उन्होंने बताया कि अगर मलबे में कोई जिंदा दबा होता है तो डॉग स्क्वॉड में शामिल कुत्ता भौंक कर इसकी जानकारी देता है। ऐसा होने पर डॉग स्क्वॉड में शामिल दूसरे कुत्ते को वहां पहुंचाया जाता है जो इसकी पुष्टि करता है, फिर मलबे में संभावित जिंदा शख्स की तलाश कर उसे निकाला जाता है।

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रेस्क्यू में जुटी है चार कुत्तों वाली डॉग स्क्वॉड की टीम

बता दें कि  जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो तुर्की में रेस्क्यू अभियान में भारत से गई NDRF टीम की मदद कर रहे हैं।जूली, रोमियो, हनी और रेम्बो उन चार सदस्यीय डॉग स्क्वायड में शामिल हैं, जिन्हें रेस्क्यू के लिए NDRF की टीम के साथ तुर्की भेजा गया है।

डॉग स्क्वॉड को तुर्की भेजे जाने के मकसद के बारे में बताया जा रहा है कि लैब्राडोर नस्ल के ये चारों डॉग्स काफी अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। ये चारों आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में भी माहिर हैं।

रेस्क्यू के लिए विश्व स्तर पर जानी जाती है एनडीआरएफ

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार भूकंप से निपटने के लिए तुर्की सरकार को इस संकट की स्थिति में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि आपदा के बाद राहत कार्यों के लिए NDRF विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। NDRF की टीम ने 2011 में जापान की ट्रिपल आपदा और 2015 में नेपाल भूकंप में भी राहत बचाव कार्यों में जुटी थी।

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बता दें कि 2006 में एनडीआरएफ का गठन किया गया था। NDRF की टीम को पहली बार 2011 में जापान में एक अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान के लिए भेजा गया था। इसके बाद 2015 में नेपाल भूकंप के दौरान भी टीम को राहत बचाव कार्य के लिए भेजा गया था। अब एक बार फिर एनडीआरएफ की टीम को भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद करने का काम सौंपा गया है।



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