New CGHS Guidelines: स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS अस्पतालों के लिए नए दिशा-निर्देश किए जारी

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Tek Raj


New CGHS Guidelines: स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS अस्पतालों के लिए नए दिशा-निर्देश किए जारी

New CGHS Guidelines: नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) पोर्टल पर बिल प्रस्तुत करने में धोखाधड़ी करने वाले अस्पतालों पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय को कई शिकायतें मिली हैं कि CGHS (केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना) के लाभार्थियों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है और कुछ मामलों में इलाज से भी वंचित किया जा रहा है।

kips600 /></a></div><p>इसे देखते हुए मंत्रालय ने चुनिंदा CGHS-पैनल वाले अस्पतालों को एक परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने इन समस्याओं का समाधान करने के लिए, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों को सख्त अनुपालन के निर्देश दिए हैं।</p><p>मंत्रालय ने कहा है, <strong><em>“रोगी की मृत्यु होने पर या रोगी कोमा में होने की स्थिति में, अंतिम बिलों पर लाभार्थियों के परिचारकों के हस्ताक्षर और उनके मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से लिए जाने चाहिए। यह नियम इनडोर और OPD सेवाओं, डेकेयर, लैब सेवाओं, डायलिसिस आदि पर भी लागू होगा।”</em></strong></p><p>मंत्रालय इसके अलावा, अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे बिना रेफरल वाले मामलों, आपातकालीन भर्ती और परामर्श के विवरण को 24 घंटे के भीतर <a href=CGHS के संबंधित अतिरिक्त निदेशक के कार्यालय को ईमेल के माध्यम से सूचित करें। साथ ही, 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लाभार्थियों की प्रत्यक्ष विजिट और भर्ती की जानकारी, जिसमें इनपेशेंट कार्ड विवरण भी शामिल हो, रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा।

मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन मामलों की जानकारी अतिरिक्त निदेशकों (ADs) को नहीं दी जाएगी, उन्हें मंजूरी के लिए प्रक्रिया में नहीं लिया जाएगा।

नए दिशा-निर्देशों के तहत CGHS-पैनल वाले अस्पतालों को अपने विभिन्न वार्डों और ICU में बेड की उपलब्धता की जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी ताकि आने वाले मरीजों को आसानी हो।

लाभार्थियों को उनके निर्धारित वार्ड श्रेणी की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि “लाभार्थी को निचली श्रेणी का वार्ड आवंटित करना अस्वीकार्य है।”

New CGHS Guidelines: प्रिस्क्रिप्शन के संबंध में मानक

मंत्रालय ने प्रिस्क्रिप्शन लिखने के लिए भी नए मानक जारी किए हैं। प्रिस्क्रिप्शन हमेशा जेनरिक नामों में और बड़े अक्षरों (कैपिटल लेटर्स) में लिखे जाने चाहिए। अस्पतालों को किसी विशेष ब्रांड के दवाओं की मांग करने पर जोर नहीं देना चाहिए।

शुल्क के संदर्भ में निर्देश

CGHS-पैनल वाले सभी अस्पतालों को अपने नोटिस बोर्ड और अन्य प्रमुख स्थानों पर इन विवरणों को प्रदर्शित करना होगा:

  • CGHS शहर जिसके अंतर्गत अस्पताल सूचीबद्ध है।
  • क्रेडिट के लिए पात्र लाभार्थियों की जानकारी।
  • नोडल अधिकारी का नाम और संपर्क विवरण।
  • CGHS के अतिरिक्त निदेशक का ईमेल आईडी।

यह दिशा-निर्देश CGHS लाभार्थियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए जारी किए गए हैं। सरकारी कर्मचारियों को इन नियमों से जुड़ी सभी जानकारियों को ध्यान में रखना चाहिए।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

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