Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

One Rank-One Pension: ‘किस्तों में पेंशन देने का फैसला क्यों…’, सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को लगाई फटकार, दे डाली ये चेतावनी

कक्षा 6-12 की लड़कियों के लिए मुफ्त सैनिटरी पैड की याचिका पर 24 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

[ad_1]

One Rank-One Pension: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को वन रैंक वन पेंशन (OROP) नीति के तहत पेंशन भुगतान के मामले पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि आदेश के बाद भी किस्तों में पेंशन देने का फैसला क्यों लिया गया?

शीर्ष कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के पेंशन मामलों के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है। यह चेतावनी भी दी है कि अदालत अवमानना का नोटिस जारी करेगी। यह टिप्पणी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने की

एक किस्त में भुगतान की मांग कर रहे पेंशनभोगी

दरअसल, पूर्व सैनिकों के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई थी। मांग की थी कि सभी पात्र पेंशन लाभार्थियों को वन रैंक वन पेंशन योजना के बकाए का भुगतान चार किस्तों के बजाय एक किस्त में किया जाए। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई।

इसे भी पढ़ें:  अनुच्छेद 370 के मामले पर 11 जुलाई को होगी सुनवाई :- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने 15 मार्च तक का दिया था समय

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 9 जनवरी को केंद्र सरकार को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को वन रैंक वन पेंशन के कुल बकाए के भुगतान के लिए 15 मार्च तक समय दिया था। वहीं सरकार ने 15 मार्च 2023 की तारीख को बढ़ाने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था।

क्या है ओआरओपी?

2014 में केंद्र सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। तीन साल बाद इस योजना को लागू कर दिया गया था।

कहा गया था कि अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन राशि में बड़ा अंतर नहीं होगा। भले ही वे कभी रिटायर हुए हों। वर्तमान में 25 लाख रिटायर्ड सैनिक हैं।

इसे भी पढ़ें:  RBI New Rules: RBI के नए नियम: अधिग्रहण के लिए बैंक लोन, डिपॉजिट इंश्योरेंस में बदलाव और कॉर्पोरेट लोन की सीमा खत्म

यह भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD स्टैंडिंग कमेटी के दोबारा चुनाव पर लगाई रोक, मेयर को दिया ये निर्देश

[ad_2]

Source link

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment