Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रहा है, और इस बार का सत्र कुछ खास होने वाला है। सत्र शुरू होने से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने-अपने मुद्दे रखे।
इस दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद साफ कहा, “हम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित हर बड़े मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने को तैयार हैं।” लेकिन जिस तरह से विपक्ष ने भी कमर कस ली है, लगता है संसद में इस बार जोरदार हंगामा और बहस देखने को मिलेगी।
सदन चले सुचारू, सबकी जिम्मेदारी
किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार चाहती है कि संसद का कामकाज बिना रुकावट चले। “हमने विपक्ष की सारी बातें सुनीं। सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा। भले ही हमारी विचारधाराएं अलग हों, लेकिन संसद को सुचारू रूप से चलाना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने ये भी बताया कि छोटे दलों, जिनके पास एक-दो सांसद हैं, को अक्सर बोलने का कम मौका मिलता है। इस बार सरकार ने वादा किया है कि ऐसे दलों को भी मानसून सत्र में पर्याप्त समय दिया जाएगा। रिजिजू ने कहा, “हम इस मुद्दे को लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा सभापति के सामने रखेंगे।
विपक्ष ने भी ठोकी ताल
विपक्ष इस सत्र में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आएंगे और रक्षा, विदेश नीति, और चुनावी ढांचे जैसे बड़े मुद्दों पर देश को जवाब देंगे।” उन्होंने 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले में हुई सुरक्षा चूक का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को इस पर जवाब देना होगा।
वहीं, कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’, बिहार के हालात, विदेश नीति, और अनुसूचित जातियों व महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को सदन में उठाने की बात कही।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “देश युद्ध के कगार से वापस आया, और कोई तीसरा देश इसका श्रेय ले रहा है। देश जवाब चाहता है।” उन्होंने पंजाब में किसानों की जमीन से जुड़े मुद्दे पर भी केजरीवाल सरकार को घेरा और कहा, “हम किसानों की एक इंच जमीन भी नहीं छिनने देंगे। हमारा विरोध कल से शुरू हो रहा है।
Parliament Monsoon Session: “क्या-क्या होगा सत्र में?
इस बार का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल 21 बैठकें होंगी। सरकार 17 बिल पेश करने की तैयारी में है, जिनमें 7 पुराने लंबित बिल और 8 नए बिल शामिल हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर महाभियोग तक, कई मुद्दों पर चर्चा होगी। रिजिजू ने कहा, “हम हर मुद्दे पर खुलकर बात करेंगे, लेकिन संसद के नियमों और परंपराओं का पालन करते हुए।” वहीं, कौन से मुद्दे चर्चा में आएंगे, ये कार्य मंत्रणा समिति (BAC) तय करेगी।
क्यों खास है ये सत्र?
लगता है इस बार का मानसून सत्र सियासी जंग का बड़ा मैदान बनने वाला है। विपक्ष और सरकार, दोनों ही अपनी-अपनी बात रखने को बेताब हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दे हों या बिलों पर होने वाली बहस, हर किसी की नजर इस पर है कि संसद में क्या नया मोड़ आएगा।
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