प्रजासत्ता नेशनल डेस्क |
Terrorist Attack: पूंछ में सेना के वाहन पर छिपकर हमला करने के बाद, जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में एक बार फिर आतंकियों की कायराना हरकत सामने आई है जहाँ मस्जिद में अजान देने गए एक रिटायर्ड एसएसपी की गोली मारकर की हत्या (Retired SSP murdered by Target Killing) कर दी गई। आतंकियों ने मस्जिद पर गोलीबारी भी की है। फायरिंग कर आतंकी फरार हो गए। इधर सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है।
Jammu & Kashmir | Terrorists fired upon Mohd Shafi, a retired police officer at Gantmulla, Sheeri Baramulla, while praying Azan in the mosque and succumbed to injuries. The area has been cordoned off. Further details awaited: J&K Police pic.twitter.com/c2U1D6oHTl
— ANI (@ANI) December 24, 2023
कश्मीर जोन पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि आतंकियों ने गांटमुला, शीरी बारामूला के रहने वाले मोहम्मद शफी के ऊपर हमला किया। रिटायर्ड एसएसपी के ऊपर गोलियां बरसाई गईं। उनके ऊपर ये हमला उस वक्त हुआ, जब वह मस्जिद में अजान दे रहे थे। गोली लगने की वजह से उनकी जान चली गई। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया है कि पूरे इलाके को घेर लिया गया है। लोगों से इस इलाके से दूर रहने को कहा गया है और मामले की जांच की जा रही है।
रक्षा विशेषज्ञों की माने तो सेना की सख्ती के चलते आतंकी बाॅर्डर पार नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी टारगेट किलिंग कर सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटकाना चाहते हैं। ताकि बाॅर्डर पार लाॅन्चिंग पैड में तैयार बैठे आतंकी भारत में प्रवेश कर सके। वहीं इस हमले के पीछे दो और कारण बताए जा रहे हैं।
पिछले 4 दिनों में Terrorist Attack की तीसरी घटना
बता दें कि जम्मू कश्मीर में पिछले 4 दिनों में आतंकियों की गोलीबारी (Terrorist Attack) की यह तीसरी घटना है। इससे पहले कल 23 दिसंबर को अखनूर में बाॅर्डर क्राॅस करते आतंकियों को सेना ने गोली मार दी थी। सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान कैमरे में कुल 4 आतंकी नजर आ रहे थे। वहीं 21 दिसंबर को राजौरी में आतंकियों ने अमरीकी असाॅल्ट राइफल से सेना के काफिले को निशाना बनाया था। जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। वहीं 2 अन्य जवान घायल हो गए।
उल्लेखनीय है कि धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले, और जम्मू कश्मीर को लेकर शीतकालीन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने दो बिल पेश किए थे जिसमें पीओके से आए शरणार्थियों और पीओके के लिए रिजर्व सीटों की व्यवस्था की गई पाकिस्तान तमतमाया हुआ है। उसे लगता है कि अब भारत सरकार जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएगी। जिससे उनकी आतंक की फैक्ट्री हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। वहीं सरकार बनने के बाद स्थायी शांति का दौर लौटेगा। जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कारण स्थानीय और भटके हुए युवा आंतकी नहीं बन पाएंगे।