Shashi Tharoor On Surgical Strike: कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उनकी टिप्पणी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और उदित राज ने तीखा हमला बोला है।
खेड़ा ने थरूर की किताब पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर (2018) के एक अंश को साझा करते हुए उन पर निशाना साधा, जिसमें थरूर ने मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया था। खेड़ा ने एक्स पर लिखा, “मैं थरूर के विचारों से सहमत हूं,” जिससे विवाद ने नया मोड़ ले लिया।
थरूर का सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान (Shashi Tharoor On Surgical Strike)
शशि थरूर ने पांच देशों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए कहा था कि भारत ने पहली बार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) का उल्लंघन किया, जो पहले कभी नहीं हुआ था। इस बयान ने BJP को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दिया, जिसके बाद थरूर को अपनी बात स्पष्ट करनी पड़ी।
थरूर ने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, “मैं केवल आतंकी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहा था, न कि 1965 या 1971 जैसे युद्धों की। हाल के वर्षों में हुए हमलों के जवाब में भारत की प्रतिक्रियाएं LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति सम्मान के कारण सीमित थीं।”
उन्होंने ट्रोल्स और आलोचकों पर तंज कसते हुए कहा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना उनकी आदत है। मैं पनामा में एक व्यस्त दिन के बाद बोगोटा, कोलंबिया के लिए रवाना हो रहा हूं। मेरे पास इससे बेहतर काम हैं। शुभ रात्रि।”
After a long and successful day in Panama, i have to wind up at midnightvhere with departure for Bogota, Colombia in six hours, so I don’t really have time for this — but anyway: For those zealots fulminating about my supposed ignorance of Indian valour across the LoC: in tge…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 29, 2025
पवन खेड़ा ने गहराया विवाद
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए गए बयान का समर्थन किया है। खेड़ा ने थरूर की 2018 में प्रकाशित किताब द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर के एक अंश का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा, “मैं डॉ. शशि थरूर के विचारों से सहमत हूं, जिन्होंने 2018 में अपनी किताब में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में लिखा था। #ReadingNow”
थरूर ने अपनी किताब में दावा किया था कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राजनीतिक लाभ के लिए भुनाया। खेड़ा के इस बयान ने कांग्रेस के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बहस को फिर से हवा दे दी है।
I agree with that Dr @ShashiTharoor who wrote about surgical strikes in his book in 2018 – ‘The Paradoxical Prime Minister’. #ReadingNow pic.twitter.com/hAhsfwH0JT
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) May 29, 2025
उदित राज ने थरूर को बताया ‘BJP का सुपर प्रवक्ता’
कांग्रेस नेता उदित राज ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पर सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दिए गए बयान के लिए तीखा हमला बोला है। उदित राज ने थरूर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ‘सुपर प्रवक्ता’ करार देते हुए उनके बयान को कांग्रेस के गौरवशाली इतिहास को बदनाम करने वाला बताया।
उदित राज ने एक्स पर लिखा, “प्रिय शशि थरूर, अफसोस! मैं प्रधानमंत्री मोदी से कह सकता हूं कि वे आपको BJP का मुख्य प्रवक्ता घोषित करें, बल्कि भारत लौटने से पहले विदेश मंत्री भी बना दें। आप यह कहकर कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को कैसे बदनाम कर सकते हैं कि 2016 से पहले भारत ने कभी नियंत्रण रेखा (LoC) या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की?”
उन्होंने 1965 के युद्ध में भारतीय सेना की लाहौर तक घुसपैठ और 1971 में पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटने की घटना का जिक्र किया। उदित राज ने कहा, “UPA सरकार के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक हुईं, लेकिन उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए प्रचारित नहीं किया गया। जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके प्रति आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं?”
My dear @ShashiTharoor
Alas ! I could prevail upon PM Modi to declare you as super spokesperson of BJP , even declaring as foreign minister before landing in India . How could you denigrate the golden history of Congress by saying that before PM Modi , India never crossed LOC… https://t.co/c88b8rX2bq— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) May 28, 2025
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब थरूर अपने बयानों या कदमों से कांग्रेस नेतृत्व के निशाने पर आए हैं। 2020 में वे उन 23 नेताओं (G-23) में शामिल थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में व्यापक सुधारों की मांग की थी। इस कदम को गांधी परिवार के खिलाफ असंतोष के रूप में देखा गया।
साल 2022 में थरूर ने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, जिसे उनकी स्वतंत्र छवि और गांधी परिवार के प्रति गैर-निष्ठा के तौर पर देखा गया। इसके अलावा, थरूर ने केरल में कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए खुद को सबसे स्वीकार्य नेता बताया था, जिसे पार्टी के भीतर बगावत के रूप में देखा गया।
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