Stock Market Fraud: मुंबई की एक विशेष अदालत ने पूर्व SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) प्रमुख माधबी पुरी बुच, SEBI के पूर्णकालिक सदस्यों और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के दो अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार यह मामला 1994 में एक कंपनी के सूचीबद्ध होने से जुड़े बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, नियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है। अदालत ने इसमें नियामक लापरवाही और सांठगांठ के सबूत होने की बात कही है। साथ ही, जांच की स्थिति रिपोर्ट 30 दिनों में पेश करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है आरोप?
मामले में आरोप लगाया गया है कि SEBI के अधिकारियों ने बाजार में हेराफेरी की सुविधा प्रदान की और एक कंपनी को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी, जो निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करती थी। याचिकाकर्ता का दावा है कि SEBI ने अपने वैधानिक कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने के कारण वित्तीय धोखाधड़ी, अंदरूनी ट्रेडिंग और सार्वजनिक धन की निकासी को बढ़ावा दिया।
इसके अलावा, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को भी इन आरोपों में शामिल किया गया है। याचिका में पूर्व SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच, पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया, अनंत नारायण जी और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय के साथ-साथ BSE के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल और CEO सुंदररमन राममूर्ति को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
Stock Market Fraud मामले में अदालत का फैसला
याचिका और सहायक दस्तावेजों की समीक्षा के बाद, विशेष न्यायाधीश एसई बंगार ने नियामक लापरवाही और सांठगांठ के प्राथमिक सबूत पाए, जिसके चलते विस्तृत जांच की आवश्यकता बताई। अदालत ने कहा कि यह आरोप संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
इसके मद्देनजर, मुंबई एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) को भारतीय दंड संहिता (IPC), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और SEBI अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। अदालत ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए ACB को 30 दिनों के भीतर जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
SEBI की चुप्पी पर सवाल
अदालत ने कहा कि SEBI की निष्क्रियता और निवेशकों के विश्वास पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए न्यायिक हस्तक्षेप आवश्यक था। इस मामले में SEBI ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, जिसके चलते अदालत को यह कदम उठाना पड़ा।
SEBI ने दी चुनौती
इस आदेश के बाद SEBI ने अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। SEBI का कहना है कि यह आदेश उचित प्रक्रिया के बिना पारित किया गया है और इस मामले में उनकी तरफ से पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
- Himachal Heavy Rain Alert: हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन, गाड़ियां बही, देखें Video
- Sikandar Teaser: “सिकंदर” के टीज़र ने मचाया धमाल, चंद घंटों में हासिल किए 65 मिलियन व्यूज!
- Solan: परवाणू के पास बस में आग लगने की खबर गलत, बिजली के करंट से एक यात्री की मौत.!











