Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Jagdeep Dhankhar Net Worth: किसान के बेटे का वकील से उपराष्ट्रपति तक का सफर, जानिए कितनी है जगदीप धनखड़ की कुल संपत्ति?

Jagdeep Dhankhar Resignation: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर

Jagdeep Dhankhar Net Worth: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। क्योंकि धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। कई विपक्षी नेता इस फैसले को लेकर सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि जगदीप धनखड़ ने कई मंचों पर कहा है था की वो अपना कार्यकाल पूरा करके ही जायेंगे।

इसी बीच उनके इस फैसले ने सभी को बड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती और डॉक्टरों की सलाह पर वे अब यह जिम्मेदारी नहीं निभा सकते। उन्होंने इस्तीफे में साफ कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। उनके इस इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार भी कर लिया है।

राजनीतिक हलचल तेज, विपक्ष ने उठाए सवाल

दरअसल, धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है। कई विपक्षी नेता इस फैसले को लेकर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की वजह को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

इसे भी पढ़ें:  Leh Violence: लेह हिंसा के लिए केंद्र ने सोनम वांगचुक को ठहराया जिम्मेदार , हिंसा भड़काने का आरोप

उपराष्ट्रपति पद पर मिलती थी कितनी सैलरी और सुविधाएं?

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक संवैधानिक पदाधिकारी के रूप में केंद्र सरकार से वेतन और अन्य कई सुविधाएं मिलती थीं। उनकी मासिक सैलरी 4 लाख रुपए थी। हर दिन की कमाई लगभग 18,461 रुपए अगर इस सैलरी को दिन के हिसाब से देखें तो उपराष्ट्रपति के तौर पर उन्हें हर दिन लगभग 18,461 रुपए मिलते थे। वहीं, साप्ताहिक सैलरी करीब 92,307 रुपए होती थी।

मिलती थीं ये अहम सुविधाएं:

  • भव्य सरकारी आवास
  • मुफ्त इलाज की सुविधा
  • यात्रा खर्च की भरपाई
  • निजी स्टाफ और सहायक
  • Z श्रेणी की सुरक्षा

2022 में बने थे उपराष्ट्रपति, मिला था भारी समर्थन

उल्लेखनीय है कि जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। उन्हें 528 वोट मिले थे, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले।

कितनी है धनखड़ की संपत्ति? जानें कुल नेट वर्थ (Jagdeep Dhankhar Net Worth)

राज्यस्थान के झुंझुनू जिला के किठाना में किसान परिवार में जन्मे जगदीप धनखड़ एक अनुभवी वकील और राजनेता रहे हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 7.8 करोड़ रुपए है, जिसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल हैं।

इसे भी पढ़ें:  भारत-कनाडा के बीच में बढ़ा तनाव, अगले आदेश तक वीजा पर लगाई रोक

संपत्ति का ब्योरा:

  • चल संपत्ति: रू.4.5 करोड़ से ज्यादा
  • अचल संपत्ति: रू.3.3 करोड़ के आसपास

कमाई के स्रोत क्या हैं?

  • खेती और जमीन से आमदनी
  • किराये से होने वाली कमाई
  • बैंक ब्याज और पेंशन
  • वकालत से मिली पुरानी आय

जगदीप धनखड़, जो एक साधारण परिवार से निकलकर मेहनत और लगन से शिखर तक पहुँचे, अपने 30 साल के शानदार राजनीतिक करियर में कई उल्लेखनीय भूमिकाएँ निभाईं। 1990 के दशक में वे राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे, जहाँ 1993-98 के दौरान किशनगढ़ से 10वीं विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा, वे राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के पूर्व अध्यक्ष भी रहे।

अपने करियर में उन्होंने केंद्र सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में सेवा दी और चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। लोकसभा हो या विधानसभा, वे हमेशा महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा रहे, जो उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

30 जुलाई 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनकी इस भूमिका की औपचारिक घोषणा की। 20 जुलाई 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ बार-बार तीखे टकराव देखे। अपनी बेबाक शैली में, वे राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे और सोशल मीडिया व मीडिया के माध्यम से अपनी राय रखने में पीछे नहीं हटे।

इसे भी पढ़ें:  New MGNREGA Rates: मनरेगा मजदूरों के लिए खुशखबरी, जानें किस राज्य में कितनी हुई वृद्धि

राजनीति में उनकी उड़ान और ऊँची हुई, जब 16 जुलाई 2022 को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए 2022 के चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया। धनखड़ ने 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में 74.37% वोट हासिल कर जीत दर्ज की, जो 1992 के बाद का सबसे बड़ा अंतर था।

जगदीप धनखड़ को 11 अगस्त 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शपथ दिलाई। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में विपक्ष के साथ कई बार तीखी नोकझोंक की, खासकर न्यायपालिका और संवैधानिक मुद्दों पर।

प्रजासत्ता न्यूज़ डेस्क उन समर्पित पत्रकारों की टीम है जो देश-दुनिया की ताज़ा खबरें सच्चाई, निष्पक्षता और पाठकों के भरोसे को प्राथमिकता देते हुए पेश करती है। हम सच्चाई और निष्पक्षता के साथ हर कहानी को दिल से बयां करते हैं।

Join WhatsApp

Join Now