Solan News: जातिगत टिप्पणी के दो मामलों में तीन दोषियों को कारावास और जुर्माना

Published on: 13 June 2025
Solan News: जातिगत टिप्पणी के दो मामलों में तीन दोषियों को कारावास और जुर्माना

Solan News: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज दो अलग-अलग मामलों में विशेष न्यायाधीश अरविंद मल्होत्रा की अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है।

दोनों मामलों में दोषियों को छह महीने की सश्रम कारावास की सजा और 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न चुकाने पर एक महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।

पहला मामला 2013 का है, जिसमें मंगल लैंड लूज़र एंड इफेक्टेड ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, बग्गा (तहसील अर्की) के सचिव हाश राज ने शिकायत दर्ज की थी। शिकायत के अनुसार, 13 मई 2016 को आरोपी नील कमल, जो सोसाइटी की सदस्य थीं, ने बिना अनुमति कार्यालय में प्रवेश किया।

उस समय शिकायतकर्ता अपने कार्यालय में काम कर रहे थे। आरोपी ने उनके साथ हाथापाई की, मेज पर रखे दस्तावेज बिखेरे और जातिगत अपमानजनक टिप्पणियां कीं। घटना के दौरान मौजूद अन्य कर्मचारियों ने भी ये टिप्पणियां सुनीं। अदालत ने गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर नील कमल को दोषी ठहराया।

दूसरा मामला 6 सितंबर 2017 का है, जिसमें रविंदर कुमार (निवासी गोयला, तहसील कसौली) ने शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि अपनी निजी भूमि पर आवासीय मकान का निर्माण करवाते समय गांव के दीप राम और उनकी पत्नी सावित्री देवी ने उनके साथ झगड़ा किया।

दोनों ने निर्माण कार्य पर आपत्ति जताते हुए मौके पर मौजूद लोगों के सामने जातिगत अपमान किया। अदालत ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया। जिला न्यायालय ने दोनों मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों को सश्रम कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई।

Tek Raj

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now