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Himachal Water Scam: हिमाचल में पेयजल घोटाले में 10 अधिकारी सस्पेंड, बाइक और होंडा सिटी कार में ढोया गया पानी..!

Himachal Water Scam: हिमाचल में पेयजल घोटाले में 10 अधिकारी सस्पेंड, बाइक और होंडा सिटी कार में ढोया गया पानी..!

Himachal Water Scam: हिमाचल प्रदेश में पेयजल योजना के नाम पर बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य सरकार ने इस घोटाले में शामिल 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है, जिनमें 2 एक्सईएन, 3 एसडीओ और 5 जेई शामिल हैं। दरअसल, शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में पिछले साल गर्मियों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति करने के मामले में यह घोटाला सामने आया है। जिसके बाद ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस मामले की शिकायत सरकार को दी है।

हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए।  सस्पेंड किए गए अधिकारियों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना एसपीओ परनीत ठाकुर, कोटी एसडीओ राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात एसडीओ विवेक शर्मा, ठियोग के जेई मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के जेई सुरेश कुमार, मत्याना के जेई नीम चंद, रिटायर्ड जेई सुदर्शन और धरेच फागू के जेई सुनील कुमार शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार एक आईटीआई में सूचना लेने पर खुलासा हुआ था कि टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए उनमें मोटरसाइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की गाड़ी भी शामिल है। दो ऐसे गावों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाई गई जहां पर सड़क ही नहीं है। इसके अलावा जिस पिकअप का नंबर टैंकर के नाम पर दिखा गया उससे एक दिन में 819 किलोमीटर सप्लाई दर्शाई है। दूसरे दिन भी उसी से 614 किलोमीटर सप्लाई दी गई।

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Himachal Water Scam: RTI से मिली जानकारी में हुआ घोटाले का खुलासा

एक आंकड़े के मुताबिक हर साल ठियोग उप मंडल में पानी की किल्लत के समय 10 से 12 लाख रुपए में क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की सप्लाई होती थी, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा एक करोड़ 13 लाख पहुंच गया।  इस पर स्थानीय निवासी व पूर्व प्रधान ने जब इसको लेकर RTI के तहत सूचना मांगी तो उसमें हैरानी वाले तथ्य सामने आए हैं। चार ठेकेदार को पानी के वितरण का कार्य दिया गया था, लेकिन पानी ग्रामीणों को मिला ही नहीं। जो बिल बनाए गए हैं उसमें मोटर साइकिल, ऑल्टो कार सहित अन्य छोटे वाहनों में पानी की ढुलाई दिखाई गई है, जो कि संभव नहीं है और न ही कानूनी रूप से सही है। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सड़क ही नहीं हैं, वहां भी वाहन से पानी की सप्लाई दिखाई गई है।

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